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IAS कैसे होता है बर्खास्त? संविधान में ये हैं प्रावधान; क्या पूजा खेडेकर पर भी गिरेगी गाज?

IAS Termination Details Pooja Khedkar: महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS पूजा खेडेकर लंबे समय से विवादों में हैं। पूजा पर कई बड़े आरोप लगे हैं। ऐसे में सवाल ये है कि पूजा अभी तक अपने पद पर क्यों काबिज हैं और क्यों उन्हें पद से हटाया नहीं जा रहा है?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Jul 20, 2024 09:38
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Pooja Khedkar

IAS Termination Details Pooja Khedkar: IAS पूजा खेडेकर पिछले कई दिनों से विवादों में घिरी हैं। वहीं अब पूजा ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर सचमुच मेरी गलती है तो मुझे बर्खास्त क्यों नहीं किया जा रहा है। कई लोगों के मन में यही सवाल गोते लगा रहा है कि अगर पूजा खेडेकर पर लगे आरोप सही हैं तो अभी तक वो ट्रेनी IAS ऑफिसर के पद पर क्यों बनी हुई हैं। आइए जानते हैं आखिर इसके पीछे क्या वजह है?

हेवन बॉर्न सर्विस

बता दें कि सिविल सेवा परीक्षा के जरिए IAS बनना जितना कठिन है, IAS को हटाना भी उतना ही मुश्किल है। IAS ऑफिसर को सभी मंत्रालयों का सचिव नियुक्त किया जाता है। इसलिए सिविल सेवा को हेवन बॉर्न सर्विस के नाम से भी जाना जाता है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास करने के बाद ऑल इंडिया सर्विस का हिस्सा बनने वाले नौकरशाहों की नियुक्ति खुद राष्ट्रपति करते हैं।

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कैसे बर्खास्त होते हैं IAS?

IAS ऑफिसर को बर्खास्त करने के लिए गजट में अधिसूचना देनी पड़ती है। यही वजह है कि IAS को गजेटेड ऑफिसर भी कहा जाता है। IAS ऑफिसर को बर्खास्त करने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति के पास है। ट्रेनी IAS पर भी यही नियम लागू होते हैं। केंद्र सरकार के कहने पर राष्ट्रपति IAS को नौकरी से मुक्त कर सकते हैं।

राज्य सरकार के पास नहीं है अधिकार

ऑल इंडिया सर्विस के अंतर्गत आने वाले IAS और IPS अफसरों को नौकरी से हटाने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है। राज्य सरकार सिर्फ सस्पेंड या ट्रांसफर कर सकती है। राज्य सरकार किसी IAS अधिकारी को सस्पेंड करने का कारण कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी को भेजेगी। कंट्रोलिंग अधिकारी अगर चाहें तो इस सस्पेंशन को कैंसिल कर सकता है।

क्या कहता है संविधान?

संविधान की धारा 311 के तहत अखिल भारतीय सेवा या राज्य की सिविल सेवा करने वाले सदस्य की नियुक्ति करने वाली अथॉरिटी के अलावा कोई निचले पद की अथॉरिटी उसे नहीं हटा सकती है। अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच साबित होने के बाद ही उन पर एक्शन लिया जा सकता है।

पूजा खेडेकर केस

पूजा खेडेकर केस में भी महाराष्ट्र सरकार, डीओपीटी और LBSNAA की तीन सदस्यीय कमेटी मामले की जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद ये रिपोर्ट कंट्रोलिंग अथॉरिटी को सौंपी जाएगी। अगर पूजा आरोपी साबित होती हैं और केंद्र सरकार उन्हें बर्खास्त करना चाहती है तो पूजा का नाम गेजेट में जारी होगा। इसके बाद राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू इसे मंजूरी देंगी और पूजा IAS के पद से मुक्त हो जाएंगी।

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Sakshi Pandey

First published on: Jul 20, 2024 09:38 AM

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