GST: हॉस्टल और पेइंग गेस्ट (PG) में रहने वालों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। अब रहने के लिए अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। कर्नाटक के वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्राधिकरण और एडवांस रूलिंग्स प्राधिकरण (AAR) ने कहा कि राज्य में अब हॉस्टल और पेइंग गेस्ट (PG) आवास के लिए भुगतान किए गए किराए पर 12% जीएसटी लगेगा। अभी तक कोई टैक्स नहीं लगता था।
सिर्फ इन्हें मिली रियायत
कर्नाटक AAR ने श्रीसाईं लक्जरियस स्टे एलएलपी के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि केवल घरों में किराए पर दिए जाने वाले आवास ही जीएसटी छूट के लिए योग्य होंगे। प्राधिकरण ने माना कि आवासीय आवास स्थायी रहने के लिए बना आवास है और इसमें गेस्टहाउस, लॉज या ऐसी जगहें शामिल नहीं हैं। बता दें कि श्रीसाई कर्नाटक में पीजी आवास और छात्रावासों का विकास और प्रबंधन करती है।
जीएसटी-एएआर ने कहा कि हॉस्टल में रहने वालों को जीएसटी से मुक्त नहीं रखा जा सकता, क्योंकि यह आवासीय आवास नहीं है। यदि कोई किसी के निजी घर को किराए पर लेता है तो उसे जीएसटी नहीं देना होगा।
जुलाई 2020 में सरकार ने जारी की अधिसूचना
जुलाई 2022 में जारी एक अधिसूचना में, सरकार ने उन होटलों और गेस्ट हाउसों के लिए जीएसटी छूट हटाने का आदेश दिया, जिनका किराया प्रतिदिन 1 हजार रुपये तक है। अधिसूचना उस वर्ष 18 जुलाई से प्रभावी थी। एएआर ने बताया कि प्रति दिन 1 हजार रुपये से कम के हॉस्टल फीस को केवल एक निश्चित अवधि 17 जुलाई, 2022 तक जीएसटी से छूट दी गई थी। अब, छात्रावास के किराए पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इन फैसलों से हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की लागत बढ़ जाएगी।
क्या कहता है GST नियम?
जीएसटी कानून के अनुसार, यदि कोई आवासीय आवास रहने के उद्देश्य से किराए पर लिया जाता है तो कोई जीएसटी नहीं है। हालांकि, एएआर ने माना कि आवासीय आवास स्थायी रहने की एक जगह है और इसमें गेस्टहाउस, लॉज या ऐसी जगहें शामिल नहीं हैं। यदि कोई आवास एक कमरा प्रदान करता है और यदि लोग बिना किसी व्यक्तिगत रसोई सुविधा के एक ही कमरा साझा करते हैं, तो यह आवासीय आवास के दायरे में नहीं आएगा।
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