नई दिल्ली: पूर्व सांसद अफजाल अंसारी गुरुवार को गाजीपुर जिला जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया। अपराधी से नेता बने मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच जिला जेल से रिहा कर आवास पर ले जाया गया। जमानत आदेश की समीक्षा के बाद स्थानीय एमपी-एमएलए अदालत की ओर से रिहाई के आदेश जारी किए गए।
सांसद के रूप में अयोग्य घोषित
इससे पहले 24 जुलाई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2007 के गैंगस्टर एक्ट मामले में अफजाल को जमानत दे दी थी, लेकिन गाजीपुर अदालत ने मामले में दो साल के कारावास की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। पिछले महीने गाजीपुर अदालत के आदेश के बाद अफजाल को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
दोनों भाइयों पर 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के साथ-साथ 1997 में वाराणसी के व्यापारी नंद किशोर रूंगटा के अपहरण और हत्या के सिलसिले में यूपी गैंगस्टर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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चार साल की सजा सुनाई गई थी
गाजीपुर की एमएपी/एमएलए कोर्ट ने बीते 29 अप्रैल को गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई थी। उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इस मामले में हाई कोर्ट से जमानत दी गई थी। गुरुवार को उनकी रिहाई के आदेश जेल प्रशासन तक पहुंचाए गए। अफजाल को जेल से लेने के लिए उनके भतीजे मुहम्मदाबाद से सपा विधायक शोहेब उर्फ मन्नू अंसारी व परिजन जेल पहुंचे। इस दौरान कड़ी सुरक्षा रही।
गैंगस्टर मामले में अफजाल ने हाईकोर्ट इलाहाबाद में सजा पर रोक लगाने के साथ ही जमानत अर्जी दाखिल की थी। हालांकि हाईकोर्ट के जज ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन जमानत मंजूर कर ली थी। दो दिन बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
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