Kisan Andolan 2.0 Latest Update: देशभर के किसान कई मोर्चो पर मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद हैं। एक धरना MSP समेत कई मांगों को लेकर चल रहा है। एक धरना अब 7 मांगें मनवाने के लिए शुरू किया गया है। इस धरने में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान शामिल हैं। गत 2 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर, आगरा, अलीगढ़ और बुलंदशहर समेत 20 जिलों के किसान एकजुट होकर नोएडा के रास्ते दिल्ली आने के लिए निकले, लेकिन उन्हें नोएडा बॉर्डर पर ही रोक लिया गया।
इधर हरियाणा की तरफ से शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन जारी है। पंजाब के किसान 13 फरवरी 2024 से ही शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इन्हीं किसानों ने कल 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। वहीं इस बार किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में नहीं, बल्कि पैदल दिल्ली के लिए कूच करेंगे। किसानों ने बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस पैदल मार्च का ऐलान किया। वहीं हरियाणा पुलिस ने भी किसानों को रोकने की तैयारी कर ली है।
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हरियाणा पुलिस ने पूरी की अपनी तैयारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर ही पंजाब के किसानों को रोकने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। DC अंबाला ने धारा 163 और धारा 144 लागू कर दी है। किसानों को दिल्ली कूच करने से पहले दिल्ली पुलिस से परमिशन लेनी होगी। बिना अनुमति किसान दिल्ली में एंट्री नहीं कर पाएंगे। अंबाला जिला प्रशासन की ओर से शंभू बॉर्डर पर एक नोटिस चिपकाया गया है। इस नोटिस में लिखा है कि अगर किसान दिल्ली पुलिस की परमिशन ले लेते हैं तो ही उन्हें आगे जाने दिया जाएगा।
किसान सड़क पर या सार्वजनिक स्थल पर किसान सभा बुलाने से पहले संबंधित एरिया के थाना प्रभारी को लिखित सूचना देंगे। अगर थाना प्रभारी को किसान आंदोलन या विरोध प्रदर्शन से शांति भंग होने का अंदेशा होगा तो वह परमिशन नहीं देगा। नोटिस में किसानों से अपील की गई है कि वे विरोध प्रदर्शन या पैदल दिल्ली मार्च के फैसले पर पुनर्विचार करें। दिल्ली पुलिस से अनुमति नहीं मिलने पर दिल्ली कूच को रद्द करके आगे की रणनीति बनाएं।
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नोएडा में 3 दिन पहले मचा था बवाल
बता दें कि ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर 2 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के किसान जुटे थे। किसानों ने महामाया फ्लाईओवर के नीचे से अपना मार्च शुरू किया था और वे ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर दिल्ली के लिए निकले, लेकिन नोएडा पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया, बल्कि प्रेरणा स्थल पर ही रोक दिया। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया, जिनमें महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल रहे। पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में यह कार्रवाई हुई।
इसके बाद किसान प्रेरणा स्थल पर बैठ गए। किसानों ने सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया। इसमें कहा गया कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानी तो किसान दिल्ली कूच करेंगे। इसके बाद पुलिस ने प्रेरणा स्थल से किसानों को खदेड़ना शुरू किया तो किसानों ने महापंचायत बुला ली। इसमें आने के लिए राकेश टिकैत निकले तो पुलिस ने उन्हें पकड़कर नजरबंद कर लिया। आज फिर जीरो पॉइंट जाने के लिए निकले 34 किसानों को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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किसानों की प्रमुख मांगें
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी रूप से गारंटी दी जाए।
2. सरकार किसानों का कर्जा माफ करे।
3. भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास दिया जाए।
4. सरकार खेतीहर मजदूरों के लिए पेंशन का प्रावधान करे।
5. बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी न की जाए।
6. किसानों के खिलाफ थाने में दर्ज केस वापस लिए जाएं।
7. लखीमपुर खीरी हिंसा 2021 के पीड़ितों को न्याय मिले।
8. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल किया जाए। कानून से प्रभावित किसानों को 10% प्लॉट और 64.7% मुआवजा दिया जाए।
9. पिछले किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को भी मुआवजा मिले।