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मेहंदी या राखी बांधकर स्कूल आए छात्रों को राहत देगा एनसीपीसीआर का ये आदेश, देशभर में होगा लागू

NCPCR Ordered Don’t Punish Students For Rakhi: देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। कुछ लोगों ने 30 तो कुछ ने 31 अगस्त को राखी मनाई। इसी बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने देशभर के सभी स्कूलों के लिए एक आदेश जारी किया है जो काफी चर्चाओं में है। इसमें कहा […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Aug 31, 2023 11:45
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National Commission for Protection of Child Rights, NCPCR orderd Don't punish students for rakhi, Rakshabandhan 2023

NCPCR Ordered Don’t Punish Students For Rakhi: देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। कुछ लोगों ने 30 तो कुछ ने 31 अगस्त को राखी मनाई। इसी बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने देशभर के सभी स्कूलों के लिए एक आदेश जारी किया है जो काफी चर्चाओं में है। इसमें कहा गया है कि रक्षाबंधन के दौरान राखी, तिलक या मेहंदी लगाकर स्कूल आने वाले छात्र और छात्राओं को किसी भी प्रकार से दंडित न किया जाए।

सभी राज्यों को भेजा पत्र

जानकारी के मुताबिक, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिवों को जारी किया गया है। इसमें एनसीपीसीआर ने कहा कि कई बार मीडिया रिपोर्ट्स में देखा गया है कि त्योहारों के बाद स्कूल प्रशासन या स्कूल के अधिकारी बच्चों को परेशान करते हैं। उनके साथ भेदभाव किया जाता है।

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आयोग ने बताया आरटीई का नियम

एनसीपीसीआर ने कहा है कि यह देखा गया है, स्कूल रक्षाबंधन के त्योहार के दौरान बच्चों को राखी बांधने, तिलक लगाने या छात्राओं को मेहंदी लगाने की अनुमति नहीं देते हैं। ऐसा करने पर छात्रों और छात्राओं को शारीरिक और मानसिक तौर पर परेशान किया जाता है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 17 के तहत स्कूलों में शारीरिक दंड निषिद्ध है। आयोग ने कहा है कि साफ तौर पर निर्देश दिया है कि ऐसी प्रथाएं नहीं होनी चाहिए जो बच्चों को शारीरिक दंड या भेदभाव का शिकार बना सकती हैं।

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मीडिया में कई बार आई हैं ये रिपोर्ट

बता दें कि एनसीपीसीआर भारत में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा की देखरेख करने वाली शीर्ष बाल अधिकार संस्था है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के कई बड़े स्कूलों में देखा गया है, त्योहारों के बाद बच्चे कलावे, तिलक या फिर छात्राएं मेहंदी लगाकर स्कूल जाती हैं तो स्कूल प्रबंधन की ओर से उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। अनुशासन की बात कहते हुए उन्हें दंडित किया जाता है। कई बार मीडिया में ये खबरें भी प्रकाशित होती हैं।

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Written By

Naresh Chaudhary

First published on: Aug 31, 2023 11:45 AM

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