Rifleman Dil Bahadur Chhettri Gorkha Rifles : भारत का इतिहास इसके सैनिकों की वीरता और बहादुरी की गाथाओं से भरा हुआ है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही एक सैनिक के बारे में जिन्हें आज ही के दिन यानी 21 दिसंबर को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। हम बात कर रहे हैं 5 असम रायफल्स के रायफलमैन दिल बहादुर छेत्री की जिन्होंने महज अपनी खुखरी के बल पर मशीन गन चला रहे आठ दुश्मनों को ढेर कर दिया था।
यह वाकया है 1971 में हुए भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का। दिल बहादुर छेत्री गोरखा कायफल्स की बटालियन में थे जिसे पूर्वी मोर्चे पर एटग्राम से दुश्मन का सफाया करने की जिम्मेदारी दी गई थी। यहां दुश्मन की स्थिति काफी मजबूत थी और बड़ी संख्या में उसके सैनिक यहां मौजूद थे। लड़ाई के दौरान दुश्मन मीडियम मशीन गनों से गोलीबारी कर रहा था और गंभीर नुकसान पहुंचा रहा था।
खुखरी से ही 8 दुश्मनों को मार गिराया था
ऐसे में दिल बहादुर छेत्री ने हालात की गंभीरता को समझते हुए दुश्मन की मशीन गनों को शांत करने का मन बनाया। अपनी सुरक्षा की जरा भी परवाह न करते हुए उन्होंने बंकर से बंकर जाकर केवल अपनी खुखरी से आठ दुश्मनों को ढेर कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने मशीन गन भी अपने कब्जे में ले ली थी। बता दें कि इसी युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश के रूप में अलग देश बना था।
साल 1968 में भारतीय सेना से जुड़े थे छेत्री
अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले दिल बहादुर छेत्री को इसके लिए 21 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना के दूसरे सर्वोच्च सम्मान महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। छेत्री का जन्म 21 अगस्त 1950 को नेपाल में हुआ था। 21 अगस्त 1968 को वह भारतीय सेना में शामिल हुए थे। आठ अप्रैल 1976 में उन्होंने निजी कारणों से सेना छोड़ दी थी और नेपाल में बांके जिले के एक गांव में रहने लगे थे।