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SC के जजों की संपत्ति सार्वजनिक, जानें CJI संजीव खन्ना की नेट वर्थ?

न्यायपालिका में पारदर्शिता और लोगों के भरोसे को कायम रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी जजों की संपत्ति की जानकारी को अपनी वेबसाइट पर डालकर सार्वजनिक करने का फैसला लिया है। अभी तक 21 जजों की संपत्ति की जानकारी को वेबसाइट पर डाल दिया गया है। बाकी जजों की जानकारी भी अपडेट की जाएगी।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: May 6, 2025 08:02
Supreme Court, child Custody Battle।
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने सभी न्यायाधीशों की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने का ऐलान कर दिया है। पहले चरण में 21 जजों की संपत्ति का ब्योरा सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इसमें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना की संपत्ति का ब्योरा भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह कदम जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से 1 अप्रैल 2025 को इस बाबत फैसला लिया गया था कि सभी न्यायाधीशों की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक किया जाएगा।

खन्ना के नाम पर 55 लाख की FD

फिलहाल जो ब्योरा साझा किया गया है, उसमें सीजेआई की संपत्ति की पूरी जानकारी शामिल है। न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार उनके नाम 55 लाख रुपये की एफडी और एक करोड़ रुपये का पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) होने की जानकारी दी गई है। बता दें कि पिछले साल 11 नवंबर 2024 को ही संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली थी। संजीव खन्ना इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और दिल्ली हाई कोर्ट में जज की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट के अनुसार खन्ना की प्रॉपर्टी में बड़ा हिस्सा उनके निवेश और बचत का है।

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हिमाचल प्रदेश में पैतृक संपत्ति

उनके पास अचल संपत्ति और अन्य निवेश होने की जानकारी भी दी गई है। CJI के पास दिल्ली में 2 फ्लैट हैं। 4 बेड रूम का एक फ्लैट कॉमनवेल्थ गांव में भी है। 2 बेड रूम का अन्य फ्लैट दूसरे इलाके में है। गुरुग्राम में भी एक फ्लैट उन्होंने बेटी के साथ खरीदा है। संजीव खन्ना मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं, वहां भी उनके नाम पर पैतृक संपत्ति है।

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शीर्ष न्यायालय ने जानकारी दी है कि जजों की संपत्ति का ब्योरा स्वैच्छिक आधार पर दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि जजों की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करना पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम है। इससे न्यायपालिका पर भी लोगों का भरोसा बढ़ेगा।

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First published on: May 06, 2025 08:02 AM

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