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JNU की वीसी का बयान- ‘कोई भगवान ब्राह्मण नहीं, शिव हैं शूद्र’

नई दिल्ली: दिल्ली के जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी के मुताबिक हिंदू देवी-देवता ऊंची जाति के नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव एससी/एसटी (शूद्र) के हो सकते हैं। कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी के इस बयान पर विवाद बढ़ता दिख रहा है। अभी पढ़ें – Corona Update: धीमी हुई कोरोना की रफ्तार, 24 घंटे […]

नई दिल्ली: दिल्ली के जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी के मुताबिक हिंदू देवी-देवता ऊंची जाति के नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव एससी/एसटी (शूद्र) के हो सकते हैं। कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी के इस बयान पर विवाद बढ़ता दिख रहा है। अभी पढ़ें Corona Update: धीमी हुई कोरोना की रफ्तार, 24 घंटे में आए 8,586 नए केस, 48 की मौत केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित बीआर अंबेडकर लेक्चर सीरीज में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मानवशास्त्रीय रूप से और वैज्ञानिक रूप से हमारे देवताओं की उत्पत्ति को देखें, कोई भगवान ब्राह्मण नहीं है। सबसे ऊंचा क्षत्रिय है। वीसी शांतिश्री धुलिपुड़ी कहा कि 'मैं सभी महिलाओं को बता दूं कि मनुस्मृति के मुताबिक सभी महिलाएं शूद्र हैं, इसलिए कोई भी महिला यह दावा नहीं कर सकती कि वह ब्राह्मण या कुछ और है और आपको केवल पिता से या विवाह के जरिये पति की जाति मिलती है।' उन्होंने कहा कि ‘आप में से ज्यादातर को हमारे देवताओं की उत्पत्ति को मानव विज्ञान की नजर से जानना चाहिए। कोई भी देवता ब्राह्मण नहीं है, सबसे ऊंचा क्षत्रिय है। भगवान शिव अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से होने चाहिए क्योंकि वह एक सांप के साथ एक श्मशान में बैठते हैं और उनके पास पहनने के लिए बहुत कम कपड़े हैं। मुझे नहीं लगता कि ब्राह्मण श्मशान में बैठ सकते हैं।’ साथ ही उन्होंने कि देवता मानवशास्त्रीय रूप से उच्च जाति से नहीं आते हैं। इसमें लक्ष्मी, शक्ति आदि सभी देवता शामिल हैं। जगन्नाथ आदिवासी हैं। इसके बाद भी हम अभी भी इस भेदभाव को करते हैं, जो बहुत ही अमानवीय है। वो आगे कहती हैं कि मनुस्मृति में हर महिला को शूद्र कहा गया है। कोई भी महिला यह दावा नहीं कर सकती कि वो ब्राह्मण या कुछ और है। अभी पढ़ें Tomato Fever: अलर्ट! बच्चों में तेजी से फैल रहा है टोमेटो फीवर, केरल में 82 मामले सामने आए जेएनयू कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम बाबासाहेब के विचारों पर पुनर्विचार कर रहे हैं। हमारे यहां आधुनिक भारत का कोई नेता नहीं है जो इतना महान विचारक था। गौतम बुद्ध उन पहले लोगों में से एक थे जिन्होंने हमारे समाज में भेदभाव-जातीय घृणा के खिलाफ हमें जगाया। अभी पढ़ें   देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें Click Here - News 24 APP अभी download करें


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