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क्या है भारत का AMCA प्रोग्राम? कितने देशों के पास है 5वीं जेनरेशन का स्टील्थ फाइटर जेट, जानें खासियत

AMCA प्रोग्राम भारत के रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएमसीए प्रोग्राम को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री की मंजूरी और उद्योग साझेदारी मॉडल से यह सुनिश्चित होगा कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र मिलकर भारत का पहला 5वीं जेनरेशन का फाइटर जेट्स देश में ही बनाए जाएंगे। यह न केवल भारतीय वायुसेना को मजबूत करेगा बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी साकार करेगा।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: May 28, 2025 13:21
Defense Minister Rajnath Singh, AMCA program model।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के AMCA प्रोग्राम को दी मंजूरी।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान से चल रही तनातनी के बीच भारत के रक्षा मंत्रालय ने फिफ्थ जेनरेशन के स्टील्थ फाइटर जेट AMCA के निर्माण को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और एक मजबूत घरेलू एयरोस्पेस औद्योगिक इको सिस्‍टम को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) कार्यक्रम निष्पादन मॉडल को स्‍वीकृति दे दी है। इस कार्यक्रम का कार्यान्‍वयन एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) उद्योग के साथ साझेदारी के माध्यम से किया जाएगा।

प्राइवेट कंपनियों की होगी साझेदारी

खास बात है कि पहली बार देश की प्राइवेट कंपनियों को भी इस पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को बनाने की प्रक्रिया में हिस्सा लेने की मंजूरी दी गई है। देश की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) पहले ही एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए यानी एमका) का डिजाइन और मॉडल तैयार कर चुकी है। राजनाथ सिंह ने बताया कि फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट के लिए पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर, दोनों को बराबरी की प्रतिस्पर्धा का मौका दिया गया है। स्टील्थ फाइटर जेट के लिए भारतीय कंपनियां (प्राइवेट और सरकारी) अकेले एमका को तैयार कर सकती हैं या फिर ज्वाइंट वेंचर या फिर कई कंपनियों के साथ मिलकर निर्माण कर सकती है।

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बड़ा बदलाव लाने वाला कदम: रक्षा विशेषज्ञ शिवाली देशपांडे

एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) कार्यक्रम क्रियान्वयन मॉडल पर रक्षा विशेषज्ञ शिवाली देशपांडे कहती हैं, ‘इसके निर्माण का काम निजी हाथों में सौंपने का सरकार का फैसला एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम है। यह स्वदेशीकरण और मेक इन इंडिया रक्षा तकनीक में देशों और सरकारों के विश्वास को दर्शाता है। भविष्य के युद्ध बहुत कठिन होने जा रहे हैं। इसलिए यह हमारी वायु शक्ति को बढ़ाने के लिए एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि दुनिया के देश पांचवीं और छठी पीढ़ी के विमान विकसित कर रहे हैं। चूंकि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र इस परियोजना पर संयुक्त रूप से काम करेंगे, इसलिए हम विमान को जल्दी और जब भी जरूरत होगी, तैयार कर लेंगे।’

AMCA क्या है?

एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) भारत की 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है। इसे भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए डिजाइन किया जा रहा है। AMCA को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसका लक्ष्य भारतीय वायुसेना को 2030 तक एक विश्वस्तरीय स्वदेशी विमान देना है, जिससे राफेल और सुखोई जैसे आयातित विमानों पर भारत  की निर्भरता कम होगी। यह विमान अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा।

  • स्टील्थ तकनीक: रडार से बचने की क्षमता, जिससे दुश्मन इसे आसानी से पकड़ नहीं पाएंगे।
  • सुपरक्रूज़: बिना आफ्टरबर्नर के ध्वनि की गति से अधिक उड़ान भरने की क्षमता।
  • उन्नत सेंसर और हथियार: रडार, मिसाइलें और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां जो इसे मल्टी-रोल विमान बनाएंगी।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): स्वचालित निर्णय लेने और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध में मदद मिलेगी।

क्या है इसकी खासियत

AMCA भारत का पहला 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा, जिसमें कई एडवांस विशेषताएं होंगी। भारत के इस पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की बात करें तो इस साल बेंगलुरु में हुए एयर शो में एमका का फुल साइज मॉडल दिखाया गया था। इसकी रफ्तार करीब 2500 किलोमीटर प्रतिघंटा है। ये विमान सिंगल सीटर और डबल इंजन वाला है। मल्टीरोल होने की वजह से यह अटैक के साथ डिफेंस भी कर सकता है। यह 10 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि ये विमान भारतीय वायुसेना की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। इसमें 11 हार्ड प्वाइंट बने हैं यानी 11 तरह के हथियार इसमें लगाए जा सकते हैं। इसमें ज्यादातर वेपन अंदर होते हैं, जो बाहर से दिखाई नहीं देते। एमका की पहली उड़ान 2028 में होने की उम्मीद है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 2034 में भारत का अपना पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाएगा।

  • वजन और आकार: मध्यम वजन वर्ग (लगभग 25 टन), जो राफेल और सुखोई से छोटा लेकिन तेज और चपल होगा।
  • रेंज और गति: 1,000 किमी से अधिक की रेंज और मैक 1.8+ की गति।
  • इंजन: शुरुआत में GE F414 इंजन, लेकिन बाद में स्वदेशी AL-51 इंजन विकसित किया जाएगा।
  • एडवांस रडार: AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार, जो कई लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक कर सकता है।
  • लो-ऑब्जर्वेबल डिजाइन: रडार क्रॉस-सेक्शन को कम करने के लिए विशेष डिजाइन, जो इसे स्टील्थ फाइटर जेट बनाता है।

अभी कितने देशों के पास है 5वीं जेनरेशन का स्टील्थ फाइटर जेट?

अभी तक केवल तीन  देशों ने 5वीं पीढ़ी के विमान विकसित किए हैं। इनमें अमेरिका, रूस और चीन शामिल है। अमेरिका का F-22 रैप्टर और F-35 लाइटनिंग II, चीन का J-20 माइटी ड्रैगन और रूस का Su-57 फेलन 5वीं पीढ़ी के विमान हैं। बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान ने चीन से पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट जे-35 का सौदा किया था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हाथों मिली करारी हार के बाद खबर है कि चीन ने जे-35 की डिलीवरी जल्द करने का भरोसा दिया है। AMCA चीन के J-20 और पाकिस्तान के प्रोजेक्ट AZM जैसे 5वीं पीढ़ी के विमानों का मुकाबला करेगा।

First published on: May 28, 2025 01:05 PM

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