Cyber Fraud : साइबर ठगी के आपने कई तरीकों के बारे में सुना होगा। कानून व्यवस्था संभाल रहे लोग इनके एक तरीके का समाधान ढूंढ पाते हैं तब तक ये अपराधी लोगों को ठगने का कोई नया रास्ता खोज लेते हैं। ऐसा ही कुछ गोवा पुलिस की जांच में सामने आया है। पुलिस के अनुसार राज्य में साइबर क्रिमिनल्स की ओर से बैंक खाते किराये पर लिए जा रहे हैं। ऐसे मामलों में तेजी देखने को मिली है। इसके लिए वह बेरोजगार युवाओं को बिना मेहनत पैसे कमाने का लालच देकर जनता की मेहनत की कमाई पर हाथ साफ करते हैं।
इस तरह की ठगी का एक हालिया मामला 21 साल के एक युवक से जुड़ा है जो आजीविका चलाने के लिए छोटे-मोटे काम करता है। उसने ज्यादा पैसा कमाने के लिए अपना बैंक अकाउंट किराये पर दिया था। पुलिस के अनुसार एक्स्ट्रा पैसा कमाने के लिए कई बेरोजगार युवा अपने बैंक अकाउंट्स साइबर अपराधियों को किराये पर दे रहे हैं। इसके बाद इन अकाउंट्स के जरिए वह बाकी लोगों को चूना लगाते हैं। ये अपराधी कॉमन फ्रेंड्स के जरिए बेरोजगार युवाओं से संपर्क करते हैं और आसानी से ज्यादा पैसे कमाने का लालच देते हैं।
1 लाख के ट्रांजेक्शन पर देते हैं कितना पैसा?
पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला है कि ये अपराधी बैंक अकाउंट किराये पर लेते हैं और उस अकाउंट से 1 लाख रुपये की हर ट्रांजेक्शन पर खाताधारक को 1000 रुपये देने का वादा करते हैं। ये लोग इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि उनके पास बैंक अकाउंट के सभी संबंधित दस्तावेज हैं। इनमें हस्ताक्षर वाली चेकबुक भी शामिल है। यह तब पता चला जब ऑनलाइन ट्रेडिंग से जुड़े एक 45 लाख रुपये के फर्जीवाड़े की शिकायत की जांच की जा रही थी। इसी मामले की जांच दौरान बैंक खातों को किराये पर उठाए जाने का पता चला था।
जो युवा अपने अकाउंट किराये पर उठा रहे हैं उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं होती कि उनके अकाउंट में पैसे कहां से आ रहे हैं। ये लोग अपने शिकार आम तौर पर सोशल मीडिया पर भी ढूंढते हैं। पुलिस ने कहा है कि यह बहुत जरूरी है कि लोग सोशल मीडिया समेत बाकी जगहों पर भी अपनी निजी जानकारियों को अनजान लोगों के साथ शेयर करने से बचें। अगर कोई आपसे आपकी निजी जानकारियां मांगता है तो इसकी तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। इसके साथ ही युवाओं से भी इस तरह के लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।