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सोनिया गांधी को कोर्ट से बड़ी राहत, नागरिकता से पहले वोटर आईडी बनाने का था आरोप

राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी के खिलाफ उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने भारतीय नागरिकता हासिल करने से पहले ही 1980-81 की वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाया था। याचिकाकर्ता वकील विकास त्रिपाठी का दावा था कि सोनिया गांधी ने 30 अप्रैल 1983 को नागरिकता ली थी, लेकिन उनका नाम उससे पहले की वोटर लिस्ट में दर्ज था।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Sep 11, 2025 17:50
Sonia Gandhi
सोनिया गांधी (फोटो सोर्स- ANI)

बिना नागरिकता हासिल किए वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के आरोप में सोनिया गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच कराने की मांग वाली याचिका को राउज ऐवन्यू कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका मे कहा गया था कि सोनिया गांधी ने 30 अप्रैल 1983 में नागरिकता हासिल की थी। जबकि उनका नाम 1980 की वोटर लिस्ट में शामिल था।

सोनिया गांधी पर 1981-82 में भारतीय नागरिकता के बिना ही वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने का याचिका कर्ता ने आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता, वकील विकास त्रिपाठी ने कोर्ट में दावा किया था कि 1980-81 में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की वोटर लिस्ट में सोनिया गांधी का नाम शामिल किया गया था, जबकि उस समय वह भारतीय नागरिक नहीं थीं।

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याचिका में कहा गया था कि सोनिया गांधी ने 30 अप्रैल 1983 को ही नागरिकता अधिनियम की धारा 5 के तहत भारतीय नागरिकता हासिल की थी। फिर भी, 1981-82 की वोटर लिस्ट में उनका नाम मौजूद था।

याचिकाकर्ता के वकील पवन नारंग ने दावा किया था कि सोनिया गांधी का नाम जनवरी 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में जोड़ा गया था, जब वह भारतीय नागरिक नहीं थीं। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार , चुनाव आयोग द्वारा अनियमितताएं पाए जाने के बाद 1982 में उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया था।

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याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप भारत के नागरिक हैं, या नहीं। इसके बाद निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया कि 1982 में उनका नाम क्यों हटाया गया? चुनाव आयोग को कुछ ऐसा मिला था जिसकी वजह से उनका नाम हटाया गया। उनका नाम क्यों हटाया गया? क्योंकि उन्हें एहसास हुआ कि कुछ फर्जी दस्तावेज बनाकर दिए गए हैं। इस पर हंगामा हुआ और इसलिए सबसे अच्छा यही होगा कि इसे हटा दिया जाए। आरोप लगाया कि उन्होंने अपना नाम मतदाता सूची में डालने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था।

First published on: Sep 11, 2025 04:10 PM

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