कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से सोमवार को नई दिल्ली में इंडिया अलायंस के नेताओं के लिए डिनर का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विपक्ष के कई बड़े नेता शामिल हुए। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि यह सिर्फ डिनर पार्टी नहीं थी, बल्कि इससे कहीं बढ़कर- एकता की पुष्टि थी।
डिनर की फोटो शेयर करते हुए कांग्रेस के X पोस्ट पर लिखा गया कि नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय गठबंधन के नेताओं का एक ऐसी शाम में स्वागत किया, जो सिर्फ एक डिनर का आयोजन नहीं था, बल्कि यह एकता की एक सशक्त पुष्टि थी। संविधान को बनाए रखने और हमारे लोकतंत्र की रक्षा करने की साझा प्रतिबद्धता से बंधे इस समारोह में सौहार्द, पारस्परिक सम्मान और अटूट संकल्प का भाव दिखाई दिया।
कौन-कौन था इस पार्टी में?
कांग्रेस अध्यक्ष के साथ ही सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस डिनर पार्टी में शामिल हुए थे, जो गठबंधन के नेताओं से बातचीत करते दिखाई दिए। इसके साथ ही जया बच्चन, आप सांसद संजय सिंह, पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, एनसीपी (एससीपी) सांसद सुप्रिया सुले, झामुमो सांसद महुआ माजी भी इस पार्टी में शामिल हुईं थीं।
इस डिनर पार्टी के क्या हैं मायने?
डिनर का आयोजन भले ही कांग्रेस अध्यक्ष या पार्टी की ओर से किया गया हो, लेकिन सबकी निगाहें राहुल गांधी पर टिकी हुई थीं। यह डिनर केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि विपक्षी एकता को मजबूत करने और सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस डिनर डिप्लोमेसी के ज़रिए इंडिया गठबंधन के 25 से अधिक दलों के 50 से ज्यादा नेता एक साथ, एक मंच पर दिखाई दिए, जिससे विपक्षी एकता की ताकत प्रदर्शित हुई। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद गठबंधन में जो दरारें दिख रही थीं, वे इस बैठक के बाद खत्म होती नजर आईं।
डिनर में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और चुनावी धांधली जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए संयुक्त उम्मीदवार और रणनीति पर भी विचार किया गया। इस डिनर पार्टी से राहुल गांधी को विपक्षी नेताओं के बीच अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने का अवसर मिला। ‘वोट चोरी’ पर राहुल गांधी द्वारा दिया गया प्रेजेंटेशन और प्रस्तुत किए गए सबूतों से उनकी सक्रियता और गंभीरता का संदेश गया। विपक्ष के अन्य नेता भी अब राहुल गांधी के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं।
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इस डिनर डिप्लोमेसी ने कांग्रेस को विपक्षी गठबंधन को फिर से मजबूत करने, अपनी नेतृत्वकारी छवि को निखारने और चुनावी धांधली जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने का अवसर प्रदान किया है। यह आयोजन कांग्रेस को संसद से सड़क तक सरकार को घेरने और आगामी चुनावों में एक मजबूत स्थिति बनाने में मदद कर सकता है।