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ब्रिटेन ने खामियाजा भुगता, हम क्यों भुगते… मशहूर वकील ने बताई CAA को लागू करने की वजह

Harish Salve: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को देश में सीएए लागू करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया। इसके बाद कुछ लोगों ने इसे भेदभावपूर्ण कदम करार दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे इसे सही कदम बताते हैं। देखिए यह रिपोर्ट...

Edited By : Achyut Kumar | Updated: Mar 13, 2024 12:04
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सुप्रीम कोर्ट के मशहूर वकील Harish Salve ने CAA पर क्या कहा?

Citizenship Amendment Act Harish Salve: भारत में 11 मार्च से नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो चुका है। इस अधिनियम के तहत तीन देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रधान की जाएगी। हालांकि, विपक्ष ने इसका विरोध किया है। उसने इसकी टाइमिंग पर भी सवाल उठाए हैं। सीएए को लागू करने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है। इस पर डिबेट जारी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने बताया कि सीएए को क्यों लागू किया गया और इसका क्या असर पड़ेगा।

सीएए को क्यों लागू किया गया?

हरीश साल्वे ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में बताया कि सीएए को लागू करने का मकसद यह नहीं है कि भारत ने अपने दरवाजे शरणार्थियों के लिए खोल दिए हैं। इसका मकसद है कि 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को देश की नागरिकता प्रदान किया जाए। ये वे लोग हैं जिनके साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव किया जाता था।

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‘शरणार्थियों से परेशान है ब्रिटेन’

हरीश साल्वे ने ब्रिटेन (UK) का उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रिटेन ने शरणार्थियों के लिए दरवाजे खोले थे, आज पूरा देश इससे परेशान है। वहां का इमिग्रेसन सिस्टम भी पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। आज लंदन जर्जर हालत में है। उससे अच्छा तो अपना देश भारत है।

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‘पूरी दुनिया के लिए भारत अपने दरवाजे नहीं खोल सकता’

सीएए के विरोध पर साल्वे ने कहा कि कुछ लोग तर्क देते हैं कि CAA के लागू होने से धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन होता है, लेकिन जब केंद्र सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लागू करने की बात कहती है तो यही लोग कहते हैं कि हर किसी के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता, लेकिन अब यही लोग सीएए पर उल्टा बोल रहे हैं। भारत पूरी दुनिया के लिए अपने दरवाजे नहीं खोल सकता।

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Written By

Achyut Kumar

First published on: Mar 13, 2024 12:03 PM

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