भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से देशभर में चिंता की लहर दौड़ा गई है। बॉर्डर पर हालात बेहद गंभीर हैं। पाकिस्तान की ओर से भारत के कई शहरों को निशाना बनाकर ड्रोन और मिसाइल हमले करने की कोशिशें की गईं, लेकिन भारतीय सेना ने अपने साहस और सतर्कता से हर एक साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया। जम्मू, श्रीनगर, पठानकोट और पोखरण जैसे संवेदनशील इलाकों में हमारी सेनाएं दुश्मन को करारा जवाब दे रही हैं।
जब आम जनता बनी सेना की ताकत
इस संकट की घड़ी में चंडीगढ़ के लोगों ने देश के प्रति एकजुटता और समर्पण की मिसाल पेश की है। जैसे ही स्थानीय प्रशासन ने वॉलंटियर बनने की घोषणा की, वैसे ही शहर के हजारों लोग देश सेवा के लिए आगे आने लगे। वॉलंटियर रजिस्ट्रेशन केंद्रों पर युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। यह दृश्य बताता है कि देश की रक्षा सिर्फ सेना ही नहीं, आम जनता भी मिलकर कर सकती है।
#WATCH | Huge lines seen in Chandigarh when local announcements were made for volunteers to aid in the assistance. pic.twitter.com/Q7YXWRg50J
— ANI (@ANI) May 10, 2025
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सेवा, सहयोग और समर्पण का भाव
इन वॉलंटियर्स को विशेष रूप से बॉर्डर इलाकों में राहत कार्य, मेडिकल सहायता, आपूर्ति वितरण और नागरिकों की मदद जैसे कार्यों के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें डॉक्टर, शिक्षक, इंजीनियर, छात्र और गृहणियां तक शामिल हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के केवल देश सेवा के लिए आगे आए हैं।
चंडीगढ़ का जज्बा बना प्रेरणा
चंडीगढ़ की यह पहल न केवल एक शहर की जागरूकता को दर्शाती है, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है। यह दिखाता है कि संकट चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, जब जनता और सरकार साथ खड़े होते हैं, तब हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है।
देशभक्ति केवल सीमाओं पर लड़ने वालों तक सीमित नहीं होती, बल्कि हर नागरिक जब देश के लिए एक कदम आगे बढ़ाता है, तब वह भी एक सच्चा सिपाही बन जाता है। चंडीगढ़ के लोगों ने यह साबित कर दिया है कि भारत न केवल सैन्य शक्ति से, बल्कि अपने नागरिकों की एकता और भावना से भी अजेय है।