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CGHS के लिए हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, कर्मचारी को इस कंडीशन में भी मिलेगी सुविधा

CGHS Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने सीजीएचएस से जुड़े कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई अस्पताल इस सुविधा से नहीं जुड़ा है तब भी कर्मचारी को सुविधा का लाभ मिलेगा।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Dec 19, 2024 21:16
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Hospital
प्रतीकात्मक फोटो।

CGHS Delhi High Court: केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनधारियों और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा दी जाती है। CGHS कार्ड से अस्पतालों में दवाएं, परामर्श और उपचार लिया जा सकता है। हालांकि कई बार लोगों को अस्पतालों में असुविधा का सामना करना पड़ता है।

कुछ ऐसी ही असुविधा एक स्कूल की कर्मचारी सीमा मेहता को हुई। जब उन्हें गंभीर दुर्घटना के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में उन्हें अपने इलाज के लिए खर्च किए पैसों का रिएंबर्समेंट यानी प्रतिपूर्ति नहीं मिली। अब इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। हाई कोर्ट ने फैसला दिया कि अगर अस्पताल सीजीएचएस के अंतर्गत नहीं भी है, तो भी कर्मचारी को रिएंबसर्मेंट मिल सकता है।

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सिर में आईं गंभीर चोटें 

सीमा मेहता साल 2000 से ही केंद्रीय कर्मचारी हैं। वह एक स्कूल में कार्यरत हैं। उनका 18 सितंबर, 2013 को एक्सीडेंट हो गया था। इस हादसे में उनके सिर में गंभीर चोटें आईं। बुरी तरह चोटिल होने के बाद उन्हें पहले गुरु तेग बहादुर अस्पताल, बाद में ब्रेन सर्जरी के लिए सर गंगा राम अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया।

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शिक्षा निदेशालय से भी लगाई गुहार 

सीमा मेहता ने दावा किया कि उन्होंने अपने इलाज पर 5,85,523 रुपये खर्च किए। इसके बाद उन्होंने स्कूल अधिकारियों से रिएंबर्समेंट मांगा। हालांकि लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने के बावजूद उन्हें ये नहीं मिला। उन्होंने शिक्षा निदेशालय के सामने भी गुहार लगाई, लेकिन बात नहीं बनी। फिर ये मामला दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंचा।

हाई कोर्ट ने दिया ये फैसला 

न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की एकल पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को अपने इलाज के लिए रिएंबर्समेंट प्राप्त करने का अधिकार है, भले ही अस्पताल सीजीएचएस के तहत लिस्ट में हो या ना हो, जब उसे इमरजेंसी में भर्ती कराया गया हो। अदालत ने फैसला सुनाया कि याचिकाकर्ता को इससे वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि उसे गंभीर चोटें लगी थीं और वह योजना के तहत अस्पतालों तक नहीं पहुंच सकती थीं।

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Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Dec 19, 2024 09:15 PM

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