CBI ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि साइबर ठग चाहे जितना भी चालाक क्यों न हो, कानून के हाथ लंबे होते हैं। ऑपरेशन चक्र-V के तहत भारत में चल रहे एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। यह गिरोह फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था और जापानी लोगों को तकनीकी सहायता के नाम पर डराकर उनसे मोटी रकम वसूल रहा था। इस मामले में 6 लोगों की गिरफ्तारी और 19 जगहों पर छापे पड़ने से देशभर में हलचल मच गई है।
तीन राज्यों में CBI की बड़ी कार्रवाई
साइबर अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन चक्र-V के तहत सेंट्रल ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 19 ठिकानों पर छापेमारी की। इस अभियान के दौरान CBI ने छह लोगों को गिरफ्तार किया और दो अवैध कॉल सेंटरों को बंद करवाया, जो जापान के नागरिकों को धोखा देकर लाखों की ठगी कर रहे थे। आरोपी खुद को बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों, जैसे माइक्रोसॉफ्ट के टेक्निकल सपोर्ट कर्मचारी बताकर लोगों से संपर्क करते थे और उनके मोबाइल या कंप्यूटर में वायरस होने का डर दिखाकर उनसे पैसे ऐंठते थे।
Operation Chakra V – CBI Conducts Searches at 19 Locations; Busts Transnational Cybercrime Syndicate Targeting Japanese Citizens; 6 Operatives Arrested pic.twitter.com/yl1HrQyR0k
— Central Bureau of Investigation (India) (@CBIHeadquarters) May 29, 2025
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फर्जी टेक्निकल सपोर्ट बनकर जापानी नागरिकों से ठगी
CBI ने पक्की सूचना के आधार पर यह मामला दर्ज किया था कि कुछ साइबर अपराधी गिरोह भारत से विदेशी नागरिकों, खासकर जापानियों को निशाना बना रहे हैं। गिरोह ने ऐसे कॉल सेंटर बनाए थे जो असली टेक्निकल सपोर्ट की तरह लगते थे। इन कॉल सेंटरों के जरिए लोगों को यह यकीन दिलाया जाता था कि उनके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैक हो चुके हैं और फिर डराकर उनसे पैसे ट्रांसफर करवा लिए जाते थे। इन पैसों को ‘म्यूल अकाउंट्स’ में डाला जाता था, ताकि असली अपराधी तक कोई आसानी से न पहुंच सके।
जापान और माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर ऑपरेशन
CBI ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए जापान की नेशनल पुलिस एजेंसी और माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के साथ मिलकर काम किया। इस अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मदद से आरोपियों की पहचान करने में सफलता मिली और पूरे नेटवर्क को तोड़ने की रणनीति बनाई गई। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम हैं: आशु सिंह (दिल्ली), कपिल घाखर (पानीपत), रोहित मौर्य (अयोध्या), शुभम जायसवाल, विवेक राज और आदर्श कुमार (तीनों वाराणसी से)। तलाशी के दौरान CBI ने बड़ी मात्रा में डिजिटल सबूत, लैपटॉप, मोबाइल, दस्तावेज और अन्य टेक्नोलॉजी डिवाइस बरामद किए हैं।
CBI की चेतावनी
CBI ने कहा है कि यह साइबर ठगी बहुत ही शातिर तरीके से की जा रही थी जिसमें सोशल इंजीनियरिंग और तकनीकी धोखेबाज़ी के ज़रिए लोगों को फंसाया जाता था। एजेंसी ने दोहराया कि वह भविष्य में भी इस तरह के अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती रहेगी। ऑपरेशन चक्र-V जैसे अभियानों से यह साफ है कि भारत अब साइबर अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शने के मूड में नहीं है, और देश-विदेश में लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से सुरक्षित रखने के लिए CBI हर संभव कदम उठा रही है।