प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधित्व के रूप में सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ब्रिक्स वर्चुअल शिखर सम्मेलन में शामिल हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज दुनिया की स्थिति वास्तव में चिंता का विषय है। पिछले कुछ वर्षों में कोविड महामारी का विनाशकारी प्रभाव, यूक्रेन और मध्य पूर्व तथा पश्चिम एशिया में बड़े संघर्ष, व्यापार और निवेश प्रवाह में अस्थिरता, चरम जलवायु परिवर्तन और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) एजेंडे में स्पष्ट मंदी देखी गई है। वहीं इस दौरान विदेश मंत्री ने ब्रिक्स के वर्तमान अध्यक्ष ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा से ट्रंप टैरिफ पर भी चर्चा की है।
वैश्विक चुनौतियों का समाधान जरूरी
उन्होंने आगे कहा कि इस समय की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था प्रभावी ढंग से काम करे और वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर सके। जयशंकर ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था के मूल सिद्धांत खुलेपन, निष्पक्षता, पारदर्शिता और गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण की रक्षा करने वाले होने चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सम्मेलन में भाग लेते हुए, जयशंकर ने कहा कि जब कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं, तो हमारा लक्ष्य आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक मजबूत, विश्वसनीय, लचीला और छोटा बनाना होना चाहिए।
व्यापार को जटिल बनाने में किसी का भी भला नहीं होगा
ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा की अध्यक्षता में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित अन्य ब्रिक्स देशों के नेताओं ने भाग लिया। इसका मुख्य एजेंडा अमेरिका की व्यापार और टैरिफ नीतियों द्वारा उत्पन्न वैश्विक बाधाओं पर चर्चा करना था। जयशंकर ने कहा, बाधाओं को बढ़ाने और लेनदेन को जटिल बनाने से किसी का भला नहीं होगा। व्यापार उपायों को गैर-व्यापारिक मुद्दों से जोड़ना भी उचित नहीं है। स्थायी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दुनिया को एक ‘सकारात्मक और सहयोगात्मक’ दृष्टिकोण की आवश्यकता है।