नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
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खबरों के मुताबिक आजाद ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का एक नोट भेजा, जिसमें उन्होंने पार्टी के साथ अपने लंबे जुड़ाव और इंदिरा गांधी के साथ अपने करीबी संबंधों को याद किया।
स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जम्मू-कश्मीर के संगठनात्मक पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद, गुलाम नबी आजाद ने अपने विस्तृत त्याग पत्र में लिखा, कांग्रेस पार्टी की स्थिति 'नो रिटर्न' के बिंदु पर पहुंच गई है।
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आजाद ने लिखा, "संपूर्ण संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया एक तमाशा और दिखावा है। देश में कहीं भी संगठन के किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं हुए हैं। 24 अकबर रोड पर बैठने वाली AICC मंडली ने अपने चुने हुए असहाय सिपहेसलारों को तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया है।
'एक गैर-गंभीर व्यक्ति'
गुलाम नबी आजाद ने इशारों-इशारों में पार्टी हाईकमान पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को भाजपा और राज्य स्तर पर क्षेत्रीय दलों के समक्ष समर्पण करना पड़ा। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि पिछले आठ वर्षों में नेतृत्व ने पार्टी के शीर्ष पर एक गैर-गंभीर व्यक्ति को थोपने की कोशिश की है।
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