---विज्ञापन---

देश

‘CCC’ की रणनीति से विधानसभा चुनाव फतह करने की तैयारी में BJP

Assembly Elections: आगामी विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में कांग्रेस और बीआरएस की लोक लुभावान नीतियों की वजह से चुनौती मिल रही है। भाजपा इसकी काट के लिए मोदी सरकार की योजनाओं और ट्रिपल सी का इस्तेमाल करेगी। इसके तहत सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, करप्शन और क्रेडिबिलिटी के सहारे भाजपा चुनावी […]

Author Edited By : Kumar Gaurav Updated: Aug 18, 2023 16:39
BJP Strategy Assembly Elections
BJP Strategy Assembly Elections

Assembly Elections: आगामी विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में कांग्रेस और बीआरएस की लोक लुभावान नीतियों की वजह से चुनौती मिल रही है। भाजपा इसकी काट के लिए मोदी सरकार की योजनाओं और ट्रिपल सी का इस्तेमाल करेगी। इसके तहत सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, करप्शन और क्रेडिबिलिटी के सहारे भाजपा चुनावी जीत को पक्का करने का प्रयास करेगी।

बता दें कि साल 2023 में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा पूरी ताकत लगा रही है। पार्टी का मानना है कि विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए रास्ता आसान करेगा। पार्टी ने हारी हुई सीटों पर अपनी रणनीति तो साफ कर ही दी है, उसके लिए चुनाव से तीन महीने पहले उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।

---विज्ञापन---

वहीं, असली चुनौती विपक्ष शासित तीन राज्यों में है। भाजपा को जहां मध्य प्रदेश में सत्ता में लौटने के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से फायदे की उम्मीद है, तो वहीं राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विपक्षी सरकारों की कल्याणकारी योजनाएं पार्टी की जीत की संभावनाओं में बाधा बन रही हैं। अब भाजपा की दूसरी रणनीति ‘ट्रिपल सी’ की है।

ये फॉर्मूला है जो भाजपा अक्सर विपक्ष शासित राज्यों के चुनाव में अपनाती है। इसके जरिए पार्टी,”सांस्कृतिक राष्ट्रवाद” के प्रतीकों को नए सिरे से उभारती है और क्षेत्र के तमाम लोकप्रिय हस्तियों को पार्टी से जोड़ती है। इसके अलावा भ्रष्टाचार और परिवारवाद के मुद्दे को उठाती है, जिससे मतदाताओं के बीच अपनी विश्वसनीयता स्थापित की जा सके।

इसके साथ ही सत्ता वाले दल के बड़े चेहरों को भारतीय जनता पार्टी में शामिल करके भी पार्टी अपनी विश्वसनीय (क्रेडिबिलिटी) स्थापित करती है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना तीनों जगह परिवारवाद और करप्शन को भारतीय जनता पार्टी बड़ा मुद्दा बनाएगी।

वहीं, दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी बेहतर परफॉर्मेंस करके दक्षिण के बाकी राज्यो में भी अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। कर्नाटक में हार के बाद भाजपा दक्षिण में तेलंगाना के रास्ते अपने दक्षिण मिशन को पूरा करना चाहती है। दक्षिण भारत में लोकसभा की कुल 130 सीटें आती हैं। यह लोकसभा की कुल 543 सीटों का करीब 24 प्रतिशत हिस्सा हैं।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा इन 130 सीटों में से सिर्फ 29 सीटें ही जीत सकी थी, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में उसने यहां की 21 सीटों पर कब्जा जमाया था। इस बार भाजपा राज्य के चुनाव के जरिए राजस्थान और छत्तीसगढ़ की लोकसभा सीट बचाए रखना चाहती हैं, वहीं तेलंगाना विधानसभा चुनाव के जरिए दक्षिण की लोकसभा सीटों का अपना आंकड़ा भी बढ़ाना चाहती है।

बता दें कि नरेन्द्र मोदी अपने तीसरे टर्म का दावा ठोक चुके हैं और देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का सपना भी दिखा चुके हैं। वहीं, तीसरे टर्म के सत्ता का रास्ता इस साल के विधानसभा चुनावों से होकर निकलेगा, लेकिन इसमें विपक्ष शासित राज्यों की कल्याणकारी योजनाएं भाजपा के लिए बाधा पैदा कर रही है।

First published on: Aug 18, 2023 04:17 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें