बड़े शहरों में रहने और अचनाक नौकरी चले जाने का दर्द इंसान को किस हद तक अंदर से तोड़ देता है, इसका अंदाजा कोई आम शख्स नहीं लगा सकता है। नौकरी खोने के बाद बेरोजगारी का दर्द क्या होता है, यह कोई उस शख्स से पूछे जो लंबे समय तक नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रहा हो। इस दौरान उसे कई तरह की जिल्लत झेलनी पड़ती है। कभी इंटरव्यू में रिजेक्ट होना तो कभी कंपनियों की अनदेखी झेलना और कभी उम्मीद की किरण दिखने के बाद भी हाथ खाली रह जाना। ऐसा ही एक मामला सिलिकॉन वैली और आईटी हब के नाम से मशहूर बेंगलुरु से सामने आया है।
LinkedIn पर पोस्ट किया अपनी ‘मौत’ का संदेश
यह कहानी बेंगलुरु के प्रशांत हरिदास की है, जिन्होंने अपने दिल का दर्द LinkedIn पर शेयर किया, लेकिन जिस अंदाज में उसने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं, उसने पूरे इंटरनेट जगत को हिला कर रख दिया। तीन साल से नौकरी की तलाश में भटक रहे प्रशांत हरिदास ने LinkedIn पर अपनी ‘मौत का संदेश’ पोस्ट किया। हालांकि, यह वास्तविक मौत की खबर नहीं थी, बल्कि उनकी निराशा की एक झलक थी। इस पोस्ट में उन्होंने न केवल अपनी बेरोजगारी का दर्द बयां किया बल्कि यह भी बताया कि खुद को निखारने और स्किल्स सुधारने के लिए कितनी मेहनत की फिर भी उसे किसी कंपनी में काम नहीं मिला। प्रशांत हरिदास ने बताया कि वे तीन सालों से बेरोजगार और ‘अलग-थलग’ हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि उन्होंने खुद को संवारने पर बहुत पैसा खर्च किया, लेकिन फिर भी एंप्लॉयर्स ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।
पर्सनल लाइफ और रिश्ते भी प्रभावित हुए
प्रशांत की पोस्ट में सिर्फ स्ट्रग्ल नहीं बल्कि पर्सनल लाइफ के दर्द की भी झलक दिखती है। उन्होंने बताया कि इस लंबे स्ट्रग्ल के कारण उसकी पर्सनल लाइफ और रिश्ते भी प्रभावित हुए। लेकिन इन सबके बावजूद वह आत्महत्या जैसा कोई कदम नहीं उठाने जा रहा, बल्कि सिर्फ अपनी फीलिंग्स को शेयर कर रहा है।
प्रशांत ने पोस्ट में क्या लिखा?
बेंगलुरु के प्रशांत हरिदास ने LinkedIn पर अपने जॉब सर्च की ‘अंतिम विदाई’ का ऐलान करते हुए लिखा, ‘थैंक यू LinkedIn हर चीज के लिए। थैंक यू इंडस्ट्री लीडर्स, मुझे ‘घोस्ट’ करने और अनदेखा करने के लिए। थैंक यू, मुझे सेल्फ-ग्रूमिंग पर पैसा खर्च करवाने के लिए ताकि आप मुझे फिर भी नजरअंदाज कर सकें। मेरे पोस्ट और बकवास के लिए माफी। मुझे पता है कि इस पोस्ट के कारण कोई भी मुझे काम पर नहीं रखेगा, चाहे मैं कितना भी अच्छा क्यों न हूं या मुझे कितनी भी सिफारिशें क्यों न मिली हों। इसके साथ ही उन्होंने अपनी एक फोटो भी शेयर की, जिसके ऊपर बड़े अक्षरों में लिखा था, ‘Rest in Peace’ (RIP), जैसे यह किसी की मृत्यु की सूचना हो!
‘मैंने सब कुछ आजमाया, भीख भी मांगी’
प्रशांत हरिदास ने पोस्ट में सफाई देते हुए लिखा, ‘मैं खुद को मार नहीं रहा हूं। अभी बहुत कुछ करना बाकी है। नए खाने का स्वाद लेना है, नई जगहें घूमनी हैं। बस नौकरी खोजने और जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिशें अब मर चुकी हैं।’ उन्होंने यह भी लिखा कि करीब तीन साल से बेरोजगार और अकेले रहना बहुत कठिन है।’ उन्होंने अपनी पोस्ट में चांदनी बीएस, चानू से माफी मांगते हुए लिखा, ‘चांदनी बीएस, चानू, अगर मैंने आपको दुख पहुंचाया है तो माफी चाहता हूं; मैंने वाकई हर संभव कोशिश की और नौकरी की भीख भी मांगी ताकि मैं आपके साथ रह सकूं, लेकिन मुझे नौकरी नहीं मिल पाई। मुझे माफ करें।’
पोस्ट पर लोगों ने दी प्रतिक्रियाएं
इस इमोशनल पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर सैकड़ों लोगों ने उनकी हिम्मत बढ़ाने और मदद करने की पेशकश की। एक यूजर ने लिखा, ‘मैं आपकी तकलीफ समझ सकता हूं। नौकरी ढूंढना बेहद मुश्किल हो सकता है, लेकिन आपकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। सही मौका जल्द ही आपके दरवाजे पर दस्तक देगा!’ एक अन्य यूजर ने सहानुभूति जताते हुए कहा, ‘कोविड महामारी ने हम सभी को अलग-थलग कर दिया था और अब जॉब मार्केट पहले जैसा नहीं रहा। हिम्मत मत हारिए, मैं अपने नेटवर्क से आपकी मदद करने के लिए तैयार हूं!’
दरअसल, प्रशांत हरिदास की इस पोस्ट ने सिर्फ एक व्यक्ति की तकलीफ को नहीं बल्कि भारत के हजारों-लाखों युवाओं की सच्चाई को उजागर किया है। कई योग्य और अनुभवी लोग आज भी अच्छी नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, ‘इंटरव्यू के बाद जवाब न देना बेरोजगार लोगों को मानसिक रूप से और ज्यादा परेशान करता है। कंपनियों को इसपर ध्यान देना चाहिए।’