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APAAR: ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी’ का सबसे बड़ा फायदा तो यह है, कैसे काम करेगा यह?

यह बच्चे के शुरुआती शिक्षा से लेकर हायर एजुकेशन तक प्रगति को ट्रैक करना आसान बना देगा। स्कूल बदलते समय सारे डॉक्यूमेंटस ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

What is APAAR Card: आधार कार्ड की ही तर्ज पर अब छात्रों के लिए अपार (APAAR) कार्ड बनाया जाएगा। APAAR ID का फुल फॉर्म ऑटोमेटिड परमानेंट एकैडमिक अकाउंट रजिस्ट्री है और यह वन नेशन, वन स्टूडेंट ID का हिस्सा है। आखिर क्या है वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी कार्ड। किसलिए होगा इसका इस्तेमाल और क्या इसे सभी छात्रों को बनवाना पड़ेगा? साथ ही यह भी जानिए कि आपको इससे क्या-क्या फायदा होगा। छात्रों के लिए एक नए आईडी कार्ड बनाने की तैयारी है। बता दें कि यह केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत लाया जा रहा है। इसमें देशभर के सभी छात्रों की एक स्पेशल आईडी बनाई जाएगी, जिसे APAAR कहा जाएगा। इसमें बच्चे का रजिस्ट्रेशन उसके स्कूल में दाखिला लेने के साथ ही कर दिया जाएगा। यह जीवनभर उसके साथ रहेगा। इसका मकसद शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाना है। ये भी पढ़ें-‘सरकारी कर्मचारी दूसरी शादी के हकदार नहीं, धर्म अनुमति देता है तो…’, हिमंता सरकार का बड़ा आदेश सरकारों को भी होगी आसानी APAAR कार्ड बनाने का मुख्य मकसद छात्रों की परेशानी को कम करना है और उन्हें अपने साथ डॉक्यूमेंटस की कॉपी लेकर चलने की असुविधा से बचाना है। इससे सरकारों को भी डेटा इकट्ठा करने में आसानी होगी। सरकारें आसानी से जान सकेंगी कि देश में कितने लोग साक्षर हैं, कितने लोग सिर्फ 12वीं पास हैं, कितने लोगों ने ग्रैजुएशन किया है और कितने लोगों ने पीजी किया है। सरकारों को लिटरेसी रेट और ड्राप आउट रेट के आंकड़े भी मिलेंगे। साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि कितने लोगों ने कौन-कौन सी जगह पर पढ़ाई छोड़ी है। ट्रैक किया जाएगा प्रगति को यह बच्चे के शुरुआती शिक्षा से लेकर हायर एजुकेशन तक उसके शिक्षा की प्रगति को ट्रैक करना आसान बना देगा। इससे स्कूल बदलते समय आपको सारे डॉक्यूमेंटस ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे आप डॉक्यूमेंट्स को डिजीलॉकर की तरह एक जगह डिजिटली रख पाएंगे। किसी भी चीज की हार्डकॉपी आपको अपने साथ रखने की जरूरत नहीं होगी। इससे सरकार को नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। ठीक नीतियां तभी बन पाएंगी जब ठीक आंकड़े होंगे। इससे शिक्षा में फर्जीवाड़े को कम करने में भी मदद मिलेगी। शिक्षा माफियाओं पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। छात्रों को इसमें क्रेडिट स्कोर भी दिया जाएगा, जिससे जब वे नौकरी मांगने जाएं तो उन्हें फायदा मिले। ये भी पढ़ें-‘मुसलमान क्राइम में नंबर-1 हैं’, AIUDF के प्रमुख अजमल अपने बयान पर कायम, बोले- यही हकीकत


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