दिनेश पाठक, वरिष्ठ पत्रकार
पहले अयोध्या में राम मंदिर और अब एक महीने के अंदर आबूधाबी में भव्य मंदिर। दोनों का ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा रिश्ता बना। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में वे मुख्य यजमान थे तो UAE की राजधानी में बने भव्य हिंदू मंदिर का उन्होंने उद्घाटन किया। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पहले 11 दिन तक उन्होंने अनुष्ठान किया। इस दौरान वे दक्षिण भारत के अनेक प्रतिष्ठित मंदिरों तक गए और वहां पूजन-अर्चन किया।
कहीं रिश्ता आम चुनाव से तो नहीं?
इन यात्राओं, कार्यक्रमों को एक तार में पिरोने पर पता चलता है कि कहीं इनका कोई रिश्ता आम चुनाव से तो नहीं है? इस सच की जानकारी केवल पीएम को या उनके लिए काम कर रहे कोर ग्रुप को हो सकती है। सच जो भी हो, इसका लाभ चुनाव में लेने की कोशिश भारतीय जनता पार्टी करेगी। चूंकि दक्षिण भारत अभी भी बीजेपी के लिए पहेली बना हुआ है, ऐसे में इस तरह की नीति काम की हो सकती है।
जब पीएम आबूधाबी से यूनाइटेड अरब अमीरात के राष्ट्र प्रमुख के सामने वहां रह रहे भारतीयों को संबोधित करते हैं तो संदेश वहां पहुंचता है, जहां वे पहुंचाना चाहते हैं। देश के बाहर हर भारतीय भाई-भाई ही दिखता है। खाड़ी देशों में तो पाकिस्तानी, बांग्लादेशी भी भारतीय लगते, दिखते हैं। ऐसे में जब भारतीय प्रधानमंत्री की शान में वहां की सरकारें बिछती हैं तो वहां रह रहे भारतीयों का सीना गर्व से भर जाता है। इस तथ्य को हर वह आदमी महसूस कर सकता है, जो विदेशी धरती पर कुछ दिन गुजार कर आया हो।
This is not any Hindi belt state of Bharat but Abu Dhabi, the Capital of Original IsIamic country United Arab Emirates.
PM Modi inaugurated a Hindu temple there today. 🔥🙌 pic.twitter.com/v7HFdccKfT
— Mr Sinha (@MrSinha_) February 14, 2024
संयोग या योजना का हिस्सा
यह संयोग है या योजना का हिस्सा, इसे स्पष्ट नहीं कहा जा सकता लेकिन अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के एक महीने के अंदर आबूधाबी में बने हिंदू मंदिर का शुभारंभ का योग बना। दोनों में कार्यक्रमों पर पूरी दुनिया की नजर थी। दोनों में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य भूमिका में थे। अयोध्या और आबूधाबी के मंदिरों का आपस में रिश्ता है।
जिस स्वामी नारायण संप्रदाय ने आबूधाबी का मंदिर बनाया है उसके संस्थापक अयोध्या से सटे स्वामी नारायण छपिया के रहने वाले थे। आम आदमी इस संप्रदाय की जड़ें गुजरात में जानता है, जबकि आज भी अयोध्या से सटे उस स्थान पर देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जहाँ से इस संप्रदाय की शुरुआत हुई है।
Memories of visiting the BAPS mandir in Abu Dhabi during its construction flood my mind today. Such a tranquil experience. Today, as PM @narendramodi inaugurates this symbol of global harmony, I’m filled with pride and joy. Can’t wait to revisit soon and immerse myself in its… pic.twitter.com/VCn7dY1irp
— Suniel Shetty (@SunielVShetty) February 14, 2024
सनातन की ध्वजा फहरा रहे मोदी
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन 22 जनवरी से पहले पीएम ने 11 दिन का अनुष्ठान भी रखा। इस दौरान वे पंचवटी से शुरू करके दक्षिण भारतीय अनेक मंदिरों तक पहुंचे और पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने हर भाषा में लिखित रामायण को भी सुना-समझा। कोई क्या कहता है, क्या सुनता है, इससे इतर एक सच यह भी है कि इन आयोजनों से नरेंद्र मोदी सनातन की ध्वजा फहरा रहे हैं। भारत की सांस्कृतिक ताकत, विरासत को आगे लेकर जा रहे हैं।
जिस तरीके से अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण को भारतीय जनता पार्टी ने अपने खाते में रखा, ठीक उसी तरीके से पीएम ने आबूधाबी के अपने सम्बोधन में वहां के हिंदू मंदिर के लिए भी जमीन मांगने की चर्चा उन्होंने की। वे यहाँ तक कह गए कि जब उन्होंने इस मंदिर के लिए जमीन की बात वहाँ के राष्ट्राध्यक्ष से की तो उन्होंने कहा कि जहाँ चाहें, मंदिर बना लें। यूएई सरकार पूरी मदद करेगी।
The @BAPS Hindu Mandir, Abu Dhabi, UAE opens its doors for devotees! Feel very blessed to be a part of this very sacred moment. Here are some glimpses. pic.twitter.com/29IhN4ZocK
— Narendra Modi (@narendramodi) February 14, 2024
अबूधाबी से हिन्दू एकता का संदेश दिया
वरिष्ठ पत्रकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी कहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जहाँ मोदी ने देश के हिन्दू समुदाय को एकता का संदेश दिया, भाईचारे का संदेश दिया तो वहीं आबूधाबी से उन्होंने पूरी दुनिया को हिन्दू धर्म-ध्वजा के ऊँचा रहने का संकेत दिया। खाड़ी में बड़ी संख्या में भारतीय मुस्लिम काम करते हैं, उन्हें संदेश दिया। किसी से छिपा नहीं है कि खाड़ी देशों में फूड बिजनेस में केरल का बड़ा योगदान है। वहां के लोग हर देश में मजूद हैं और अपनी मेहनत के बूते अलग मुकाम पर हैं।
जिस तरीके से पीएम का स्वागत यूएई या खाड़ी देशों की सरकारें करती हैं, वह यह संदेश भी देता है कि भारत अपने संविधान की मूल भवन के हिसाब से सबके लिए काम करता है। सबका साथ-सबका विकास का नारा यूं ही नहीं है। वे यह भी कहते हैं कि राम मंदिर और आबूधाबी के मंदिर का आरंभ एक महीने के अंदर होना संयोग नहीं हो सकता। यह योजना बनाकर किया गया प्रयास है।
Highlights from today’s programmes in Abu Dhabi… pic.twitter.com/4nYVCSkHpq
— Narendra Modi (@narendramodi) February 13, 2024
दूरगामी परिणाम मिलने के आसार
श्री त्रिपाठी कहते हैं कि जो चीजें हो रही हैं, चुनाव में इसका लाभ भाजपा को मिलेगा, इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए, इसके दूरगामी परिणाम भी देश को मिलने वाले हैं, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता। आज भारत आतंकवाद और कश्मीर के मुद्दे अगर पाकिस्तान के खिलाफ खड़ा है तो उसमें खाड़ी देशों की बड़ी भूमिका है। आज भारत के रिश्ते भले पाकिस्तान से खराब चल रहे हैं लेकिन सऊदी अरब, कतर, यूनाइटेड अरब अमीरात जैसे देशों से शानदार रिश्ते हैं। व्यापार लगातार बढ़ रहा है।