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Amul Vs Nandini: चुनावी राज्य कर्नाटक में कैसे शुरू हुआ अमूल बनाम नंदिनी विवाद? जानें अब तक किसने क्या कहा?

Amul Vs Nandini: कर्नाटक विधानसभा चुनाव और नतीजों में एक महीने का समय बचा है। बेरोजगारी, महंगाई, आरक्षण के बीच राज्य में अमूल बनाम नंदिनी दूध विवाद की एंट्री ने जोर पकड़ लिया है। दूध वाले विवाद को लेकर कर्नाटक कांग्रेस भाजपा पर हमलावर है। अमूल द्वारा कर्नाटक में अपने उत्पाद ऑनलाइन और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Apr 11, 2023 15:15
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Amul Vs Nandini: कर्नाटक विधानसभा चुनाव और नतीजों में एक महीने का समय बचा है। बेरोजगारी, महंगाई, आरक्षण के बीच राज्य में अमूल बनाम नंदिनी दूध विवाद की एंट्री ने जोर पकड़ लिया है। दूध वाले विवाद को लेकर कर्नाटक कांग्रेस भाजपा पर हमलावर है।

अमूल द्वारा कर्नाटक में अपने उत्पाद ऑनलाइन और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचने की घोषणा के बाद, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कर्नाटक के घरेलू दूध ब्रांड नंदिनी को नुकसान पहुंचाने और इससे जुड़े 26 लाख किसानों के जीवन को खतरे में डालने की योजना थी।

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कांग्रेस की ओर से ट्विटर पर डाली गई एक लंबी पोस्ट में पूछा गया है कि भाजपा कर्नाटक के स्थानीय ब्रांड को ‘देश के दो अलग-अलग हिस्सों से दो सहकारी समितियों’ को युद्धपथ पर लाकर नष्ट करने पर क्यों तुली हुई है? कांग्रेस ने कहा कि लगभग 26 लाख किसान कर्नाटक दुग्ध महासंघ का हिस्सा हैं, जिससे 20,000 करोड़ रुपये की आय होती है। कांग्रेस के ट्विटर पोस्ट में कहा गया है कि कन्नडिग नंदिनी की गुणवत्ता और उत्पादन की कसम खाते हैं।

कांग्रेस ने अपने ट्विटर पोस्ट में और क्या कहा?

कांग्रेस ने यह भी बताया कि कैसे उसने क्षीर भाग्य योजना के तहत किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर का प्रोत्साहन देकर दूध उत्पादन बढ़ाया, जब उसकी कर्नाटक में सरकार थी। कांग्रेस ने दावा किया कि प्रोत्साहन बढ़ाने के बाद दूध उत्पादन 2014 में 43 लाख लीटर से बढ़कर 2018 में 75 लाख लीटर हो गया।

कांग्रेस की ओर से ये भी कहा गया कि असली लड़ाई अमूल बनाम नंदिनी नहीं है, बल्कि ये अमित शाह की ओर से नंदिनी को कम प्रतिस्पर्धी बनाने और उसकी पहचान को नष्ट करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास था।

कैसे हुआ नंदिनी बनाम अमूल विवाद?

चुनावी राज्य कर्नाटक में दूध के ब्रांड के बीच विवाद की शुरुआत डेयरी दिग्गज अमूल के एक ट्वीट से हुई जिसमें कहा गया था कि गुजरात स्थित अमूल बेंगलुरु में ऑनलाइन डिलीवरी शुरू करेगा। अमूल की ये घोषणा राज्य के अपने दमदार डेयरी ब्रांड नंदिनी से जुड़े लोगों को यह घोषणा रास नहीं आई। अमूल के साथ इसके विलय की कहानी के बीच वे इसे केएमएफ को कुचलने के प्रयास के रूप में भी देखने लगे।

हाल ही में एक ट्वीट में अमूल ने कहा, “बेंगलुरू में दूध और दही के साथ ताजगी की एक नई लहर आ रही है। अधिक जानकारी जल्द ही आ रही है। #LaunchAlert। केंगेरी से व्हाइटफील्ड तक, सभी को ताज़ा दिवस की शुभकामनाएं।” एक अन्य ट्वीट में, डेयरी ब्रांड ने कहा कि #अमूल परिवार बेंगलुरु शहर में कुछ ताज़ा ला रहा है। अधिक अपडेट जल्द ही आ रहे हैं। #LaunchAlert। ताज़ा जल्द ही बेंगलुरु में आ रहा है।”

घोषणा के बाद ट्विटर पर #GoBackAmul, #SaveNandini जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कन्नडिगाओं के कुछ वर्गों में इस बात को लेकर चिंता बढ़ गई कि कर्नाटक में अमूल का प्रवेश राज्य के स्वदेशी ब्रांड नंदिनी के लिए खतरा पैदा करेगा। अमूल की इस घोषणा ने डेयरी किसानों, विपक्षी नेताओं और कन्नड़ समर्थक समूहों को झकझोर कर रख दिया।

कर्नाटक में बढ़ रहा नंदिनी के लिए समर्थन

अमूल दूध के विरोध में बेंगलुरु शहर के होटल और स्थानीय लोगों ने राज्य के (डेयरी) किसानों का समर्थन करने के लिए केवल नंदिनी ब्रांड के यूज की बात कही है। बृहत बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन ने अमूल का नाम लिए बगैर कहा कि कन्नडिगा को केवल नंदिनी दुग्ध उत्पादों का प्रचार करना चाहिए।

बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन ने अपने एक बयान में कहा कि हम सभी को हमारे किसानों द्वारा उत्पादित कर्नाटक के नंदिनी दूध पर गर्व है और इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

अमूल बनाम नंदिनी विवाद में किसने क्या कहा?

अमूल-नंदिनी विवाद राजनीतिक विवाद में बदल गया है और कांग्रेस ने भाजपा पर राज्य के गौरव को नष्ट करने का आरोप लगाया है। इस बीच, भाजपा ने कांग्रेस पर ‘गलत सूचना अभियान’ शुरू करने का आरोप लगाया है। इस विवाद में राज्य के मुख्यमंत्री तक को हस्तक्षेप करना पड़ गया। राज्य के सीएम बसवराज बोम्मई को बयान देकर कहना पड़ा कि नंदिनी हमारे राज्य का एक बहुत अच्छा ब्रांड है। कांग्रेस और जद (एस) चुनाव के समय राजनीति कर रहे हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि अमूल पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, यह कहते हुए कि नंदिनी देश में नंबर एक ब्रांड बन जाएगी। उन्होंने अमूल के दूध और दही को बेंगलुरु में प्रवेश करने से रोकने के विचार को भी खारिज कर दिया।

बोम्मई ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि नंदिनी के उत्पाद अन्य राज्यों में भी बेचे जा रहे हैं। सरकार नंदिनी को खुले बाजार में अमूल के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद करने के लिए कदम उठाएगी, लेकिन वह गुजरात स्थित ब्रांड को नहीं रोकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदिनी हमारे राज्य का एक बहुत अच्छा ब्रांड है… कांग्रेस और जद (एस) चुनाव के समय राजनीति कर रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राज्य में 10 मई को चुनाव होने हैं और कर्नाटक में अमूल के प्रवेश का चुनावों पर असर पड़ सकता है। पूर्व सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार और जेडी (एस) एचडी कुमारस्वामी जैसे कांग्रेस नेताओं ने अपने विचार व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।

एचडी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि ‘एक राष्ट्र, एक अमूल, एक दूध, एक गुजरात केंद्र सरकार का आधिकारिक स्टैंड लगता है।’ डीके शिवकुमार ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि हमारे पास पहले से ही नंदिनी है, जो अमूल से बेहतर ब्रांड है। हमें किसी अमूल की जरूरत नहीं है- हमारा पानी, हमारा दूध और हमारी मिट्टी मजबूत है।

सिद्धारमैया ने कहा कि सभी कन्नडिगों को अमूल उत्पादों को नहीं खरीदने की शपथ लेनी चाहिए। कांग्रेस के दिग्गज नेता ने रविवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या उनके दौरे का मकसद ‘राज्य को लूटना’ है? उन्होंने कहा कि यह गुजरात का बड़ौदा बैंक था जिसने हमारे विजया बैंक को समाहित कर लिया। बंदरगाहों और हवाई अड्डों को गुजरात के अडानी को सौंप दिया गया। अब, गुजरात का अमूल हमारे KMF (नंदिनी) को खाने की योजना बना रहा है।

सिद्धारमैया के हमले का भाजपा ने दिया जवाब

पीएम मोदी पर सिद्धारमैया के हमले के बाद भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि अमूल कर्नाटक में प्रवेश नहीं कर रहा है। अमित मालवीय ने कहा कि अमूल कर्नाटक में प्रवेश नहीं कर रहा है। अमूल और केएमएफ दोनों अपने उत्पादों को अलग-अलग प्लेटफार्मों पर बेचते हैं। 2019 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद केएमएफ का कारोबार 10,000 करोड़ रुपये बढ़ गया। 2022 में कारोबार 25,000 करोड़ रुपये था, जिसमें से 20,000 करोड़ कर्नाटक के किसानों के पास वापस चले गए।

उधर, भाजपा ने भी पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। कर्नाटक के सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर ने रविवार को मीडिया को बताया कि कम कीमत के कारण नंदिनी अमूल से आगे निकल जाएगी और गुजरात दूध ब्रांड हमारे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के लिए कोई खतरा नहीं है।

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उन्होंने कहा कि अगर अमूल 57 रुपये प्रति लीटर पर ऑनलाइन दूध बेचता है, तो हम इसे 39 रुपये में बेचते हैं। हम अपने उत्पादों को तमिलनाडु और अन्य राज्यों में भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि नंदिनी ब्रांड को मिटाना असंभव है।

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी विपक्ष पर साधा निशाना

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कर्नाटक के लोग स्पष्ट रूप से जानते हैं कि यह नंदिनी के लिए प्यार नहीं है, बल्कि अमूल के प्रति उनकी नफरत है क्योंकि यह गुजरात से है। उन्होंने कहा कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी गुजरात से हैं, इसलिए कांग्रेस चुनाव प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल कर रही है।

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First published on: Apr 11, 2023 11:37 AM

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