Amit Shah On Mughals: मुगलों के इतिहास को मिटाने और उनसे जुड़े शहरों के नाम बदलने के आरोपों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा की राज्य सरकारों ने सुविचारित फैसले लिए हैं जो उनके वैधानिक अधिकारों के दायरे में हैं। शाह ने कहा कि भाजपा इतिहास में किसी के योगदान को हटाना नहीं चाहती है।
गृह मंत्री की टिप्पणी इन आरोपों के जवाब में आई है कि भाजपा देश के इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास कर रही है जिसमें भाजपा शासित राज्यों का नाम बदल दिया गया है या उन शहरों का नाम बदलने की योजना बना रही है जिनके नाम मुगल इतिहास से जुड़े हैं।
ANI के इंटरव्यू में अमित शाह ने दिए सवालों के जवाब
न्यूज एजेंसी ANI से स्पेशल इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि किसी का योगदान नहीं हटाया जाना चाहिए, न ही हम उसे हटाना चाहते हैं। लेकिन अगर कोई देश की परंपरा को स्थापित करना चाहता है तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। शाह ने कहा कि हमारी सरकारों ने सोच-समझकर फैसले लिए हैं। हर सरकार के अपने वैधानिक अधिकार होते हैं।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद संगम लाल गुप्ता ने हाल ही में अमित शाह से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम बदलकर लखनपुर या लक्ष्मणपुर करने का आग्रह किया था। भाजपा सांसद ने दावा किया कि त्रेता युग में इस शहर का नाम पहले लखनपुर और लक्ष्मणपुर था, नवाब आसफ-उद-दौला ने इसका नाम लखनऊ रखा था।
पंडित नेहरू के योगदान को मिटाने के आरोपों पर भी दिया जवाब
शाह से जब जम्मू-कश्मीर का पुनःकल्पित इतिहास लिखने और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान को मिटाने के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को देश के पहले प्रधानमंत्री की सरकार ने संविधान में शामिल किया था और इससे भारत को बहुत नुकसान हुआ था।
अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 नेहरू जी के कारण लागू हुआ। 1950 से ही हमारे एजेंडे में था कि इसे लागू नहीं करना चाहिए था। इससे देश को बहुत नुकसान हुआ। अब जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में विकास कार्य हो रहे हैं, उससे जिस तरह से आतंकवादी और आतंकी हमले कम हो रहे हैं, यह साबित हो रहा है। आप आंकड़े देख सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव हो रहे हैं।