Sushil Kumar Rinku: आम आदमी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद सुशील कुमार रिंकू पर गुरुवार को बड़ी कार्रवाई हुई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सुशील को पूरे सत्र से सस्पेंड कर दिया है। दरअसल, लोकसभा में दिल्ली सर्विस बिल पर वोटिंग के दौरान सुशील ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान उन्होंने कागज फाड़कर सत्ता पक्ष के नेताओं पर फेंके। इसके बाद वेल में गए और सभापति भी कागज फेंके। इससे नाराज होकर ओम बिरला ने उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। सदन 11 अगस्त तक चलेगा।
सुशील कुमार रिंकू आम आदमी पार्टी के इकलौते लोकसभा सांसद हैं। इससे पहले आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सस्पेंड किया गया था। संजय सिंह ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा किया था। वे टेबल पर चढ़कर नारेबाजी कर रहे थे।
मुझे कोई अफसोस नहीं, बोले सांसद
अपने निलंबन पर सुशील ने कहा कि मुझे कोई अफसोस नहीं है। संविधान को खत्म किया जा रहा है। देश का संघीय ढांचा खतरे में है। अदालत तय करेगी कि कौन भ्रष्ट है और कौन नहीं। मुझे इस बात का अफसोस नहीं है कि लोगों के लिए आवाज उठाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए मुझे निलंबित कर दिया गया।
प्रह्लाद जोशी ने रखा निलंबन का प्रस्ताव
सुशील कुमार रिंकू के निलंबन का प्रस्ताव केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पेश किया था। जिसे सदन से मंजूरी लेने के बाद अध्यक्ष द्वारा घोषित किया गया था।
#WATCH | AAP MP Sushil Kumar Rinku suspended from Lok Sabha for the remainder of the monsoon session for throwing papers at the Chair.
Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi moved the motion. Speaker Om Birla sought approval of the House before announcing the decision. pic.twitter.com/RbVrezUvza
— ANI (@ANI) August 3, 2023
लोकसभा अध्यक्ष बोले- सदन की गरिमा जरूरी
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सुशील कुमार रिंकू के निलंबन की घोषणा करने से पहले कहा कि मैंने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि सदस्य रिंकू सदन की मर्यादा बनाए रखें, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे। उन्होंने सदन की गरिमा को कम करने का प्रयास किया।
इस नियम के तहत हुई कार्रवाई
किसी सदस्य के निलंबन के लिए लोकसभा में नियम है, इसे नियम 374 के नाम से जाना जाता है। इसके तहत अध्यक्ष ऐसे सदस्य को नामित कर सकता है, जो कार्यवाही में बाधा डालकर सदन के नियमों और अध्यक्ष के अधिकार की अवहेलना करता है। हालांकि, सदस्य के निलंबन को शेष सत्र से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। निलंबित सदस्य को तुरंत सदन के परिसर से हटना होगा।
कौन हैं सुशील रिंकू?
सुशील कुमार रिंकू पहले कांग्रेस में थे। जालंधर लोकसभा के उपचुनाव से पहले वे आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को हराया था।
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