योग और व्यायाम, दोनों में से कौन कितना फायदेमंद? Doctor दे रहे हैं स्पेशल एडवाइस
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Yoga Exercises For Heart And Blood Pressure: दिल की बीमारियों में दिल और ब्लड वेसल्स को प्रभावित करने वाले कई विकार शामिल हैं, जिनमें कोरोनरी हार्ट डिजीज, सेरेब्रोवास्कुलर रोग (Cerebrovascular Disease) और Rheumatic Heart Disease शामिल हैं। डाइट और जीवनशैली के अलावा तनाव कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन एक्सपर्ट का दावा है कि योग आपकी लाइफ में तनाव और चिंताओं को कम करने के लिए एक पावरफूल टूल है।
सप्ताह में कम से कम तीन बार या रोज योग करने से आपकी हेल्थ को फिजिकल, मेंटल और स्पिरिचुअलिटी पहलुओं को बढ़ा सकता है। योग अपने दैनिक फिटनेस में शामिल करने और कम से कम 30 सेकंड तक करना चाहिए। चलिए इस लेख के जरिए और हमारी Panchkarma & Yoga Specialist, Dr. Payal Jain की जानकारी के आधार पर जान लेते हैं कि योग और व्यायाम कितने कारगर हैं।
सुखासन (Sukhasana)- पैरों को सामने फैलाकर सीधे बैठें। बाएं पैर को मोड़कर दाहिनी जांघ के अंदर दबाएं, फिर दाएं पैर को मोड़कर बाएं जांघ के अंदर दबाएं। अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें और सीधी रीढ़ के साथ सीधी पोजीशन बनाए रखें।
पद्मासन(padmasana)- पद्मासन में अपने दाहिने पैर को अपनी बायीं जांघ के ऊपर रखकर बैठें। अपने बाएं पैर को उठाएं और ऊपर की ओर मुंह करके अपनी दाहिनी जांघ पर रखें। अपने पैरों को अपने हीप्स के करीब खींचें। अपनी हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए अपने घुटनों पर रखें। दूसरे पैर से दोहराएं।
वज्रासन(Vajrasana)- घुटने टेकें और अपनी एड़ियों पर बैठें, आपकी जांघें आपकी पिंडली की मांसपेशियों पर दबाव डालें और आपकी एड़ियाँ एक साथ जुड़ी हुई हों। अपनी हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए घुटनों पर रखें। अपनी पीठ सीधी करें और आगे की ओर देखें।
दंडासन(Dandasana)- दंडासन में बैठकर शुरुआत करें और अपने पैरों को आगे की ओर फैलाएं। अपने पैरों को एड़ियों से मिला लें और पीठ सीधी रखें। अपनी पैल्विक, जांघ और पिंडली की मांसपेशियों को शामिल करें। अपनी रीढ़ को सहारा देने के लिए अपनी हथेलियों को अपने हीप्स के पास फर्श पर रखें। अपने कंधों को आराम दें।
नौकासन(Navasana)- दरी बिछा कर उसपर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैर को साथ रखे। हाथों को अपने थाई पर रखें फिर गहरी सांस लें और हाथों को पैरों की तरफ ले जाएं। कुछ देर तक ऐसे ही रहें, इसके बाद पहली वाली पोजीशन में आ जाएं।
वृक्षासन(Vrikshasana)- सीधे खड़े हो जाएं और अपने दाहिने पैर को फर्श से ऊपर उठाएं, अपने दाहिने पैर को अपनी बाईं जांघ पर रखें। अगर जरूरी हो तो समर्थन के लिए अपनी हथेलियों का उपयोग करते हुए, अपने बाएं पैर पर बैलेंस बना कर रखें। अपनी हथेलियों को प्रणाम मुद्रा में अपने हृदय चक्र (cardiac cycle) पर जोड़ें और उन्हें ऊपर की ओर फैलाएं।
रोजाना 5-10 मिनट ध्यान करने से स्किल्स, प्रेरणा और समस्या-का समाधान करने में सुधार हो सकता है। तनाव कम करके आप बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का आनंद ले सकते हैं। दैनिक व्यायाम करने से जैसे- दौड़ना, चलना और योग करना नेगेटिव इमोशन, डिप्रेशन और चिंता को कम करने में मददगार साबित है।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।
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