Heart Attack: मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की मौत हार्ट अटैक से मौत हो गई है। उनकी उम्र 58 साल थी। बीते 10 अगस्त को दिल का दौरा ( Heart Attack) पड़ने के बाद से ही राजू श्रीवास्तव एम्स में भर्ती थे। उन्हें उस समय हार्ट अटैक आया था, जब वो दिल्ली के एक जिम में एक्सरसाइज कर रहे थे।
दरअसल, पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। देखने को मिल रहा है कि कम उम्र में ही लोगों को दिल की बीमारियां हो रही हैं। हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि कुछ सावधानियों की मदद से हार्ट अटैक के खतरे से बचा जा सकता है।
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हाल ही में मशहूर प्लेबैक सिंगर केके (KK) का भी निधन दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ था। इसके अलावा कन्नड़ फिल्म के स्टार पुनीत राजकुमार का भी महज 46 साल की उम्र में हार्ट अटैक की वजह से निधन हुआ। वहीं, सिद्धार्थ शुक्ला, ओमपुरी, श्रीदेवी, इंदर कुमार, रीमा लागू का भी निधन कमजोर दिल की वजह से हुआ। अब कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव भी हार्ट अटैक आने के बाद दुनिया को अलविदा कह गए।
क्या है हार्ट अटैक (what is Heart attack)
Johns Hopkins के मुताबिक, हार्ट अटैक का मेडिकल नाम मायोकार्डियल इंफार्क्शन (Myocardial Infarction) होता है. जिसमें दिल तक ऑक्सीजन और खून पहुंचाने वाली कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज आ जाती है. जिससे हार्ट मसल्स को पर्याप्त ऑक्सीजन और खून नहीं मिल पाता और वो डैमेज होने लगती है.
हार्ट अटैक के लक्षण
इसके लिए आपको हार्ट अटैक के कुछ लक्षणों (Symptoms of Heart Attack)को जान लेना जरूरी है।
Johns Hopkins के अनुसार, हार्ट अटैक आने के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं. नीचे जानिए उनके बारे में....
खराब जीवनशैली
हाई ब्लड प्रेशर
हाई कोलेस्ट्रॉल
हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री
डायबिटीज
धूम्रपान और शराब का सेवन
अत्यधिक तनाव में रहना
हार्ट अटैक से बचने के उपाय
यदि आपको कोई हृदय रोग हो तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
हेल्दी डाइट लें और वजन को कंट्रोल में रखें।
धूम्रपान न करें और रोज एक्सरसाइज जरूर करें।
ज्यादा तनाव न लें, अगर तनाव है तो उसे दूर करें।
यदि आपको मधुमेह हो तो उसके लिए सलाहित दवाइयों का उपयोग करें।
अपने रक्त के शुगर के स्तर की जांच कराते रहें।
कैसे किया जाता है हार्ट अटैक का इलाज
हार्ट अटैक आने के बाद मरीज की एंजियोप्लास्टी की जाती है। यह एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को खोला जाता है। मेडिकल भाषा में इन रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी आर्टरीज़ कहते हैं। डॉक्टर अक्सर दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी समस्याओं के बाद एंजियोप्लास्टी का सहारा लेते हैं।यह काफी अच्छी ट्रीटमेंट हैं।
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