TrendingInd Vs AusIPL 2025year ender 2024Maha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025bigg boss 18

---विज्ञापन---

क्या ‘बुढ़िया के बाल’ से भी हो सकता है कैंसर? क्यों लगाया जा रहा प्रतिबंध

Can Cotton Candy Cause Cancer : भारत के तमिलनाडु और पुडुचेरी में कॉटन कैंडी यानी बुढ़िया के बाल की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह फैसला इसमें मौजूद एक ऐसे हानिकारक केमिकल की मौजूदगी के चलते लिया गया है जो स्वास्थ्य पर बहुत गंभीर असर डाल सकता है। कुछ और राज्यों में भी इस पर रोक लगाने की बात चल रही है।

Cotton Candy (Pixabay)
Can Cotton Candy Cause Cancer : दुनियाभर में बच्चे कॉटन कैंडी को खूब पसंद करते हैं। भारत में इसे 'बुढ़िया के बाल' के नाम से भी जाना जाता है। अक्सर इसे मेलों में या बच्चों के कार्यक्रमों में बिकते देखा जा सकता है। गली-मोहल्लों में फेरीवाले भी इसे बेचते हैं। लेकिन, बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी पसंद आने वाले 'बुढ़िया के बाल' को लेकर अब कैंसर जैसी स्वास्थ्य संबंधी चिंता जताई जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें एक आर्टिफिशियल डाई का इस्तेमाल किया जाता है जो काफी खतरनाक साबित हो सकती है। भारत के कुछ राज्यों ने इस पर प्रतिबंध भी लगा दिया है जबकि कुछ राज्य ऐसा करने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन, सवाल यह उठ रहा है कि क्या सच में बुढ़िया के बाल कैंसर की वजह बन सकते हैं? क्या इसे लेकर लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है?

कहां और किसलिए लगाया गया प्रतिबंध

तमिलनाडु ने पिछले सप्ताह ऐलान किया था कि राज्य में कॉटन कैंडी अब नहीं बेची जाएगी। राज्य सरकार के अनुसार यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि इसमें एक ऐसे केमिकल का होना साबित हो चुका है जो कैंसर का कारण बनता है। लैब टेस्टिंग में पता चला है कि यह केमिकल रोडामीन-बी है, जिसका इस्तेमाल मीठे आइटम्स में आर्टिफिशियल कलरिंग के लिए किया जाता है।

भोजन के लिए सेफ नहीं है रोडामीन-बी

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने इसे लेकर एक बयान में कहा कि भोजन की पैकेजिंग, इंपोर्ट और सेल में रोडामीन-बी का इस्तेमाल करना या शादियों अथवा अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस केमिकल से युक्त भोजन परोसना फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 के तहत दंडनीय होगा। उन्होंने कहा कि यह केमिकल खाद्य पदार्थों के लिए असुरक्षित सिद्ध हुआ है।

हेल्थ पर बुरा असर डालता है ये केमिकल

फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट चेन्नई के अधिकारी पी सतीश कुमार का कहना है कि रोडामीन-बी का इस्तेमाल लेदर को कलर करने के साथ कागज की छपाई में भी होता है। इसे फूड कलरिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसके तुरंत और लंबे समय तक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने वाले प्रभाव देखने को मिलते हैं। इसलिए इस पर राज्य सरकार ने प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।

पुडुचेरी में भी लगा है कॉटन कैंडी पर बैन

तमिलनाडु के अलावा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में भी कॉटन कैंडी पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। हालांकि, यहां उन वेंडर्स को इसे बेचने की अनुमति दी गई है जिनके पास फूड सेफ्टी अथॉरिटी की ओर से क्वालिटी सर्टिफिकेट है। इस संबंध में पुडुचेरी के उप राज्यपाल ने कहा था कि जिन वेंडर्स के पास क्वालिटी सर्टिफिकेट नहीं हैं वह इसके लिए फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट से संपर्क कर सकते हैं।

आंध्र प्रदेश व दिल्ली में लग सकती है रोक

रिपोर्ट्स के अनुसार यह सब देखते हुए आंध्र प्रदेश और नई दिल्ली में भी इसे लेकर चर्चा की जा रही है। आंध्र प्रदेश के फूड सेफ्टी कमिश्नर का कहना है कि इस सप्ताह सैंपल की जांच की जाएगी। इनका परिणाम आने के बाद तय किया जाएगा कि कॉटन कैंडी पर प्रतिबंध लगाया जाएगा या फिर नहीं। बता दें कि रोडामीन-बी केमिकल का यूरोप, यूनाइटेड किंगडम और कैलिफोर्निया में फूड प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

क्या केमिकल से कैंसर भी हो सकता है?

कॉटन कैंडी से हेल्थ पर पड़ने वाले असर को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि खाने में लंबे समय तक रोडामीन-बी का इस्तेमाल करने से लिवर डिस्फंक्शन या कैंसर जैसी समस्या जन्म ले सकती है। अगर कम समय में ज्यादा मात्रा में यह केमिकल शरीर में जाता है तो इससे एक्यूट पॉइजनिंग भी हो सकती है। इसके अलावा कॉटन कैंडी से बच्चों में मोटापे और दांत जल्दी खराब होने की समस्या भी देखने को मिल सकती है। ये भी पढ़ें: Google को नोटिस जारी करने की तैयारी में केंद्र सरकार ये भी पढ़ें: क्या है वर्चुअल ऑटोप्सी? दिल्ली एम्स में शुरू हुआ सेंटर  ये भी पढ़ें: जानिए देश की पहली बुलेट ट्रेन के 10 बेहद खास फीचर्स


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.