Vastu Shastra: यह कहावत आपने जरूर सुना होगा कि ‘जैसा होगा अन्न, वैसा होगा मन’। इस कहावत के अनेक मायने हैं, उसमें से एक है, भोजन करने यानी खाने को लेकर कुछ जरूरी नियमों का पालन। भोजन करने की दिशा और वस्तुओं का चुनाव वास्तु शास्त्र में बताए गए कुछ नियमों पर आधारित है। इनका पालन करने से न केवल स्वास्थ्य अच्छा रहता है, सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वरदान मिलता है। दरअसल, इस शास्त्र में किचन से लेकर डाइनिंग रूम आदि के लिए कुछ नियम बताए हैं।
बच्चों को किस दिशा में मुंह करके खाना खिलाया जाए, इसका हमारे पूर्वजों के समय से ही खास महत्व रहा है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, खाने की दिशा का हमारे स्वास्थ्य और मानसिक विकास पर गहरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही, जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे, सेहत अच्छी रहे, इसके लिए इनका पालन जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार किस दिशा में मुंह करके भोजन करना चाहिए?
भोजन करने की सबसे शुभ दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करना बहुत शुभ होता है। परिवार के सभी लोगों, विशेषकर बच्चों को, इस दिशा की ओर मुंह करके खाने आदत डालनी चाहिए। इससे देवी सरस्वती और मा मां लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होती हैं। घर में हमेशा विद्या का वास होता और धन-धान्य भरा रहता है।
इस दिशा में मुंह कर खाने से बढ़ता है कर्ज
जो युवा जातक अपना करियर शुरू कर रहे हैं, उनके लिए पश्चिम दिशा में मुंह करके भोजन करना अच्छा होता है। लेकिन सावधान, खाना खाने के लिए यह दिशा अशुभ मानी गई है। कहते हैं, इस दिशा में मुंह करके भोजन करने से कर्ज बढ़ता है।
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इस दिशा में मुंह कर खाने से बढ़ती है आमदनी
उत्तर दिशा भी खाने के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिशा में मुंह करके खाने से बच्चे का मन शांत रहता है, नींद अच्छी आती है और जीवन में तरक्की करते हैं। साथ ही यदि घर के मालिक या कमाने वाले इस दिशा की ओर मुंह कर खाते हैं, तो उनकी आमदनी बढ़ती है।
भूल से भी इस दिशा में मुंह कर न करें भोजन
दक्षिण दिशा में मुंह करके खाना खाने से सबसे ज्यादा नुकसान होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है। इसलिए, इस दिशा में मुंह करके खाना खाने से नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। भूल से भी इस दिशा की ओर मुंह कर भोजन नहीं करना चाहिए। कहते हैं, यह रोग और बीमारी को बढ़ावा देता है।
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