शरद पूर्णिमा की रात को खीर का प्रसाद बनाया जाता है. स्कंद पुराण में शरद पूर्णिमा पर खीर बनाकर देवी-देवताओं को अर्पित करने का अल्लेख है. खीर को शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसके साथ ही खीर में दूध, चावल और चीनी का मिश्रण होता है जो पोषण का प्रतीक है. शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर खीर का प्रसाद अवश्य बनाना चाहिए.
Sharad Purnima 2025 Live Updates: हिंदू पंचांग के मुताबिक, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. आज आश्विन माह की पूर्णिमा है ऐसे में शरद पूर्णिमा मनाई जा रही है. शरद पूर्णिमा के दिन रास पूर्णिमा, कोजागरा पूर्णिमा और कौमुदी व्रत भी होता है. आज शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा का महत्व होता है. इसके साथ ही खीर बनाने और चंद्रमा की रोशनी में रखना शुभ माना जाता है.
आज शरद पूर्णिमा पर पूजा विधि, पूजा मुहूर्त और उपाय के बारे में जानने के लिए यहां हमारे साथ जुड़े रहें. आप शरद पूर्णिमा के दिन कुछ उपायों को करके घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन कर सकते हैं. शरद पूर्णिमा पर आपको खीर का प्रसाद बनाने के बाद चांदनी रात में रखना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि, चंद्रमा की किरणों से शरद पूर्णिमा की रात को अमृत बरसता है.
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शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का महत्व होता है. ऐसी भी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं. इस दिन खीर बनाने और इसे खुले आसमान के नीचे रखने की परंपरा है. शरद पूर्णिमा की रात का प्रकाश अन्य दिनों की तुलना में अधिक पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है. शरद पूर्णिमा पर आपको चंद्रोदय के बाद मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा कर खीर का भोग लगाना चाहिए.
शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ होता है. आपको कलश में जल, दूध, मिश्री, चंदन और सफेद फूल डालकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए. इसके बाद चंद्रमा की ओर मुख करके बैठ जाएं. आपको चांद की रोशनी में बैठकर मानसिक शांति, एकाग्रता बढ़ाने और चंद्र दोष से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.
शरद पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 6 अक्टूबर की दोपहर को 12 बजकर 23 मिनट पर हो रही है. शरद पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय शाम 5 बजकर 27 मिनट पर है. आज शरद पूर्णिमा पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रात को 11 बजकर 45 मिनट से रात को 12 बजकर 34 मिनट तक, 7 अक्टूबर तक रहेगा.