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Cheetah In India, First Look: भारत आ रहे चीतों की पहली झलक दिखी, हर एक के गले में होगा सैटेलाइट कॉलर, देखें वीडियो

Cheetah In India Live Update: नामीबिया से विशेष प्रोजेक्ट के तहत भारत लाए जा रहे चीतों का वीडियो सामने आया है। यह वीडियो समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी किया गया है। जानकारी के मुताबिक इनमें से हर चीते के गले में सैटेलाइट रेडियो कॉलर पहनाया जाएगा। ताकि कूनो अभ्यारण्य में इन चीतों की लॉकेशन ट्रैक […]

Cheetah in India
Cheetah In India Live Update: नामीबिया से विशेष प्रोजेक्ट के तहत भारत लाए जा रहे चीतों का वीडियो सामने आया है। यह वीडियो समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी किया गया है। जानकारी के मुताबिक इनमें से हर चीते के गले में सैटेलाइट रेडियो कॉलर पहनाया जाएगा। ताकि कूनो अभ्यारण्य में इन चीतों की लॉकेशन ट्रैक की जा सके। इस काम के लिए बकायदा कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे जो इन चीतों की पल-पल की मूवमेंट पर नज़र बनाए रख सकें. बता दें कि इन चीतों को भारत ला रहे विशेष विमान के रूट में बदलाव किया गया है। अब इस विमान को राजस्थान की राजधानी जयपुर की बजाय मध्यप्रदेश के ग्वालियर में उतारा जाएगा। प्रोजेक्ट चीता प्रमुख एसपी यादव ने कहा, "नामीबिया से आने वाले चीतों की एक विशेष चार्टर कार्गो फ्लाइट अब ग्वालियर में उतरेगी, पहले इसे 17 सितंबर को जयपुर में उतरना था, फिर ग्वालियर से एक हेलीकॉप्टर से कुनो नेशनल पार्क श्योपुर लाया जाएगा।" कुनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री द्वारा जंगली चीतों की रहवास भारत के वन्य जीवन और इसके आवास को पुनर्जीवित करने और विविधता लाने के उनके प्रयासों का हिस्सा है। चीता को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। जिन चीतों को छोड़ा जाएगा, वे नामीबिया के हैं और उन्हें इस साल की शुरुआत में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के तहत लाया गया है। चीता भारत में खुले जंगल और घास के मैदान के पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में मदद करेगा। यह जैव विविधता के संरक्षण में मदद करेगा और जल सुरक्षा, कार्बन पृथक्करण और मिट्टी की नमी संरक्षण जैसी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे बड़े पैमाने पर समाज को लाभ होगा।

16 घंटे बिना रुके सफर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 8 चीतों को छोड़ा जाएगा। यह तीन नर और पांच मादा चीते नामीबिया से भारत लाए जा रहें हैं। नामीबिया के हुशिया कोटाको इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इन्हें लाने के लिए बोईंग 747 विशेष विमान पहुंच चुका है। सूत्रों के मुताबिक 16 घंटे का सफर कर बिना रुके यह चीते नामीबिया से भारत लाए जाएंगे।

चीते रहेंगे भूखे पेट

वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, जंगली बिल्लियों को अपनी पूरी हवाई पारगमन अवधि खाली पेट बितानी होगी। एमपी के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने पीटीआई-भाषा को बताया कि एहतियात के तौर पर यह अनिवार्य है कि यात्रा शुरू करते समय जानवर को खाली पेट खाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नामीबिया से राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के दौरान चीतों को कोई भोजन नहीं दिया जाएगा। चौहान ने कहा कि इस तरह की सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि लंबी यात्रा जानवरों में मतली जैसी भावना पैदा कर सकती है जिससे अन्य जटिलताएं हो सकती हैं। चौहान ने कहा कि चीतों को मालवाहक विमान से हेलीकॉप्टर में स्थानांतरित करने और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एक घंटे की यात्रा के बाद वे कुनो-पालपुर के हेलीपैड पर पहुंचेंगे।


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