Madhya pradesh Chief Minister: मोहन यादव की वो खूबियां, जिनके बूते जीत पाए MP का दिल और बन गए मुख्यमंत्री
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Madhya pradesh Chief Minister Mohan Yadav: मध्य प्रदेश चुनाव 2023 परिणाम के 8 दिन बीत जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे के साथ-साथ दो उप-मुख्यमंत्रियों के नामों की भी घोषणा की। मोहन यादव मुख्यमंत्री पदभार संभालेंगे, वहीं राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हम बात करेंगे नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के बारे में, जिसकी वजह से उनको सीएम बनाया गया है।
ओबीसी चेहरा और कोई विरोध नहीं
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने और 2018 में फिर से विधानसभा के लिए चुने गए। इस बार 2023 में उन्होंने एक बार फिर चुनाव जीता और अब उन्हें राज्य का सीएम बनाया गया है। बता दें कि भाजपा की तरफ से कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश की कमान किसी ओबीसी चेहरे को ही सौंपी जाएगी। मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी है, ऐसे में भाजपा ने उनको सीएम बनाकर बड़ा दांव चला है।
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आरएसएस के करीबी
मोहन यादव, आरएसएस के करीबी रह चुके हैं। वह साल 1993 से 1995 तक आरएसएस उज्जैन के खंड कार्यवाहक रहे हैं इसलिए वह यादव चेहरे के तौर पर भाजपा के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं।
कृषि परिवार से सम्बन्ध
मोहन यादव का कृषि परिवार से सम्बन्ध रहा है। राज्य में 48.3 प्रतिशत सीमांत किसान हैं, वहीं 27.15 प्रतिशत लघु किसान हैं। ऐसे में वह आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए किसान वोटर्स को साधने का काम कर सकते हैं।
यादव वोटर्स पर पकड़
वहीं मध्य प्रदेश में सीएम के रूप में यादव चेहरा चुनने के लिए यादव वोटर फैक्टर को भी ध्यान में रखा गया है। बता दें कि राज्य में लगभग 12-15 प्रतिशत यादवों की संख्या है। ऐसे में यादव वोटर बुंदेलखंड में सत्ता पलटने की ताकत रखते हैं। इसके साथ ही चम्बल संभाग में यादवों का अच्छा प्रभाव माना जाता है। वह भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए बड़े यादव नेता के तौर पर माने जाते हैं।
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