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अब आपकी AI चैट से तय होंगी Facebook और Instagram पर Ads, तो क्या नहीं रहेगी प्राइवेसी? 

Meta नई प्राइवेसी पॉलिसी लागू कर रहा है. अब आपकी AI चैट का डेटा Facebook और Instagram पर टारगेटेड ऐड्स दिखाने में इस्तेमाल होगा. ऐसे में एक बड़ा सवाल सामने आता है कि क्या इससे यूजर की प्राइवेसी खत्म हो जाएगी?

Author Written By: Mikita Acharya Author Published By : Mikita Acharya Updated: Oct 2, 2025 09:20
मार्क जुकरबर्ग का नया प्लान.
मार्क जुकरबर्ग का नया प्लान. (Photo-Unsplash)

New Meta Policy: टेक्नोलॉजी की दुनिया में AI ने हमारी जिंदगी में कई बदलाव किए हैं. लोग अब हर दिन AI चैटबॉट्स और टूल्स का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इसी के साथ सबसे बड़ी चिंता प्राइवेसी को लेकर है. अब इसी चिंता को और बढ़ाने वाली एक नई खबर सामने आई है. Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग ने एक ऐसा तरीका खोज निकाला है, जिससे आपके सोशल मीडिया एक्सपीरियंस पर सीधा असर पड़ेगा. अब Facebook और Instagram पर दिखने वाले विज्ञापन इस बात पर आधारित होंगे कि आपने AI से क्या बातें की हैं. यानी आपकी चैट्स ही आपके लिए टारगेटेड ऐड्स तैयार करने में इस्तेमाल होंगी.

AI चैट से इकट्ठा होगा डेटा

Meta ने हाल ही में घोषणा की है कि वह अपने AI प्रोडक्ट्स से मिलने वाले डेटा का इस्तेमाल Facebook और Instagram पर पर्सनलाइज्ड ऐड्स दिखाने के लिए करेगा. अगर आपने AI से किसी प्रोडक्ट या टॉपिक पर चर्चा की है, तो उससे जुड़े विज्ञापन आपके सामने आने लगेंगे.

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कब से लागू होंगे ये बदलाव?

टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, Meta की यह नई पॉलिसी 16 दिसंबर से लागू हो जाएगी. कंपनी जल्द ही इस बारे में सभी यूजर्स को जानकारी देगी. शुरुआत में यह अपडेट दुनियाभर में रोलआउट होगा, लेकिन यूके, यूरोपीय संघ और दक्षिण कोरिया में इसे फिलहाल लागू नहीं किया जाएगा. वहां के स्थानीय नियमों की जांच पूरी होने के बाद ही इसे शुरू किया जाएगा.

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EU ने जताई प्राइवेसी पर चिंता

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यूरोपीय संघ (EU) पहले ही Meta के AI प्रोडक्ट्स को लेकर प्राइवेसी पर चिंता जता चुका है. यही वजह है कि वहां इसे लागू करने से पहले रेग्युलेटरी अप्रूवल का इंतजार किया जा रहा है.

क्यों है यह बड़ा मुद्दा

सोशल मीडिया कंपनियों पर पहले भी डेटा ट्रैकिंग और प्राइवेसी उल्लंघन को लेकर सवाल उठते रहे हैं. अब AI चैट से डेटा इकट्ठा करने का यह तरीका लोगों की निजी जानकारी को और ज्यादा असुरक्षित बना सकता है.

क्या करना होगा यूजर्स को?

यूजर्स को अब यह ध्यान रखना होगा कि वे AI से बातचीत करते समय क्या शेयर कर रहे हैं. क्योंकि वही जानकारी आगे चलकर उनके लिए विज्ञापन तय करने का आधार बनेगी. यानी अब AI चैट्स पर भी पहले से ज्यादा सावधानी बरतना जरूरी है.

Meta का यह कदम विज्ञापन जगत के लिए बड़ा बदलाव है, लेकिन आम यूजर्स के लिए यह ऑनलाइन प्राइवेसी का नया खतरा भी साबित हो सकता है.

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First published on: Oct 02, 2025 09:10 AM

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