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Jio-Airtel नहीं, इन यूजर्स को मिलेगा BlueBird Block-2 सैटेलाइट नेटवर्क का फायदा

ISRO ने AST SpaceMobile के BlueBird Block-2 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लो-अर्थ ऑर्बिट में स्थापित कर दिया है. इस तकनीक से सीधे मोबाइल फोन पर 4G-5G नेटवर्क मिलेगा.

BlueBird Block-2 सैटेलाइट नेटवर्क का फायदा. (Photo-News24 GFX)

ISRO BlueBird Block-2: भारत में आज भी ऐसे कई इलाके हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सिर्फ नाम भर के हैं. पहाड़, जंगल, सीमावर्ती गांव और दूर-दराज के क्षेत्र आज भी कनेक्टिविटी की कमी से जूझ रहे हैं. इसी बीच ISRO की मदद से लॉन्च हुए BlueBird Block-2 सैटेलाइट ने नई उम्मीद जगाई है. खास बात यह है कि इस सैटेलाइट का सीधा फायदा Jio या Airtel नहीं, बल्कि Vodafone Idea (Vi) के यूजर्स को मिलने वाला है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने LVM3-M6 मिशन के तहत AST SpaceMobile के BlueBird Block-2 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित किया है. यह अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट एरे माना जा रहा है, जो करीब 2,400 वर्ग फीट में फैला हुआ है.

क्यों खास है यह सैटेलाइट तकनीक

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BlueBird Block-2 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सीधे मोबाइल फोन तक 4G और 5G नेटवर्क पहुंचाने में सक्षम है. इसके लिए यूजर को किसी अलग डिश, एंटीना या खास डिवाइस की जरूरत नहीं होगी. यानी सैटेलाइट से सीधा फोन कनेक्शन संभव हो सकेगा, ठीक वैसे ही जैसे आम मोबाइल नेटवर्क काम करता है.

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Jio-Airtel नहीं, Vi यूजर्स को मिलेगा फायदा

ET Telecom की रिपोर्ट के मुताबिक, Vodafone Idea (Vi) पहले ही AST SpaceMobile के साथ साझेदारी कर चुकी है. इस करार का मकसद भारत के उन इलाकों तक मोबाइल नेटवर्क पहुंचाना है, जहां अब तक कनेक्टिविटी नहीं है. यही वजह है कि इस सैटेलाइट से मिलने वाली सेवाओं का फायदा फिलहाल Vi ग्राहकों को मिलने की संभावना है, न कि Jio या Airtel यूजर्स को.

Vi और AST SpaceMobile की साझेदारी का प्लान

Vi के CEO अभिजीत किशोर के अनुसार, यह पार्टनरशिप डिजिटल खाई को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस समझौते के तहत AST SpaceMobile सैटेलाइट बनाएगा और उसे ऑपरेट करेगा, जबकि Vi भारत में नेटवर्क इंटीग्रेशन, स्पेक्ट्रम और मार्केट एक्सेस संभालेगा. दोनों कंपनियां मिलकर कंज्यूमर, एंटरप्राइज और IoT सेक्टर के लिए नई सेवाएं भी विकसित करेंगी.

भारत को लंबे समय में क्या होगा फायदा

AST SpaceMobile की योजना 2026 के अंत तक 45 से 60 सैटेलाइट लॉन्च करने की है, जिनका प्रक्षेपण हर एक-दो महीने में किया जाएगा. इससे ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं मजबूत होंगी. शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और डिजिटल सेवाओं को भी इससे बड़ा फायदा मिलेगा. यह पहल भारत को सैटेलाइट आधारित मोबाइल कनेक्टिविटी के एक नए दौर में ले जाने वाली साबित हो सकती है.

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