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Explainer: आखिर दिल्ली और आसपास के इलाकों में क्यों आते हैं भूकंप, कितने खतरे में रह रहे हैं हम?

Earthquake in North India: ज्यादातर भूकंप का केंद्र हिंदुकुश में होता है। वैज्ञानिक भी कई बार कह चुके हैं कि हमें तेज भूकंप के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

Edited By : Shubham Singh | Updated: Nov 4, 2023 17:20
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Earthquake in Delhi: पड़ोसी देश नेपाल में शुक्रवार को आए भूकंप ने भीषण तबाही मचाई है। इस आपदा में नेपाल में अभी तक 140 मौतें होने की खबर है। वहां राहत और बचाव कार्य जारी है। भूकंप के झटके उत्तर भारत में भी महसूस किए गए जिसकी तीव्रता 6.4 थी। बीते कुछ सालों में देश के कई राज्यों में भूकंप आते रहते हैं। गनीमत यह रहती है कि इसकी तीव्रता कम रहती है नहीं तो जान माल का बड़ा नुकसान हो सकता है। भूकंप के तेज झटके अत्यधिक घनी आबादी वाले दिल्ली में भी महसूस किए गए। झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। यह भूकंप रात में करीब 11 बजकर 35 मिनट पर आया। इसका केंद्र नेपाल था।

दिल्ली में पिछले एक महीने में तीसरी बार भूकंप आया है। अब सवाल है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूंकप आते क्यों हैं। आखिर दिल्ली रहने के लिए कितनी सुरक्षित है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) भूकंपीय जोन 4 में आते हैं। इसमें भूकंप आने की आशंका ज्यादा रहती है। ज्यादातर भूकंप का केंद्र हिंदुकुश में होता है। वैज्ञानिक भी कई बार कह चुके हैं कि हमें तेज भूकंप के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

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दिल्ली में क्यों है भूकंप का खतरा

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की भौगोलिक स्थिति और भूवैज्ञानिक गतिविधियां यहां भूकंप आने की वजह बनती हैं। राष्ट्रीय राजधानी हिमालय पर्वतमाला के करीब लगभग 200-300 किलोमीटर के बीच स्थित है। भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के लगातार टकराने से हिमालय का निर्माण हुआ। इस निरंतर टेक्टोनिक गतिविधि की वजह से नियमित झटके आते हैं। ये झटके पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत में टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल की वजह से आते हैं। इस परत में जितनी अधिक गतिविधियां होंगी भूकंप आने की आशंका उतनी ही अधिक होगी।

इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा मुख्य रूप से हिमालयी टेक्टोनिक प्लेट सीमा की निकटता से जुड़ा है, जहां भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकराती है। यह टक्कर दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के लिए जिम्मेदार है। हालांकि दिल्ली किसी बड़ी फॉल्ट लाइन पर स्थित नहीं है, लेकिन हिमालय के करीब होने की वजह से यहां भूकंप आते हैं।

यही वजह है कि नेपाल, उत्तराखंड और आसपास के हिमालयी क्षेत्र विनाशकारी भूकंप के लिए अतिसंवेदनशील हैं। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 8.5 से अधिक हो सकती है। दिल्ली को जोन IV में रखा गया है, जबकि हिमालय क्षेत्र जोन V के अंतर्गत आता है। हिमालय क्षेत्र में भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान होने का खतरा है।

ये भी पढ़ें-उत्तर भारत में आ सकता है 8 की तीव्रता का भूकंप; झटकों के लिए तैयार रहे, वैज्ञानिक ने दी चेतावनी

 

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Edited By

Shubham Singh

First published on: Nov 04, 2023 04:29 PM

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