नौ दिनों में 130 करोड़ की कमाई कर चुकी मोहनलाल की फिल्म ‘थुदरुम’ का कोई मुकाबला नहीं है।तरुण मूर्ति के निर्देशन में बनी यह फिल्म दुनियाभर में लोगों को बहुत पसंद आ रही है। खुद डायरेक्टर को पहले से यकीन था कि फिल्म हिट होगी, लेकिन कितनी बड़ी हिट होगी यही देखने वाली बात थी। फिल्म में मोहनलाल ने ‘बेंज’ नाम के एक मिडल क्लास आदमी का किरदार निभाया है, जिससे आम लोग खुद को जोड़ पा रहे हैं। शायद इसकी वजह ये है कि खुद डायरेक्टर का जीवन भी आम आदमी जैसा ही रहा है, जिससे उनकी कहानियों में सच्चाई दिखती है। हिंदुस्तान टाइम्स से एक्सक्लूसिव बातचीत में डायरेक्टर ने फिल्म, मोहनलाल और अपने आगे के प्लान्स को लेकर खुलकर बात की।
फिल्म का आइडिया कैसे आया?
तरुण मूर्ति ने कहा, लेखक के.आर. सुनील और फिल्ममेकर एम. रंजीत ने 12 साल पहले मोहनलाल को यह कहानी सुनाई थी, लेकिन उस वक्त कोई डायरेक्टर तय नहीं हुआ था। मोहनलाल इसे तुरंत करना चाहते थे, लेकिन सही डायरेक्टर नहीं मिल पाया। जब मेरी दूसरी फिल्म ‘सऊदी वेलक्का’ रिलीज हुई, तो रंजीत सर ने मुझे कॉल किया और मेरी फिल्म की तारीफ की। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं उनकी कंपनी के लिए फिल्म बनाना चाहूंगा, और जब मैंने हां कहा, तो उन्होंने बताया कि ये मोहनलाल की फिल्म है। मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि मैं मोहनलाल का बड़ा फैन हूं। कहानी मुझे मिली, मैंने उसे नहीं ढूंढा। मैंने उसमें कुछ नए एंगल, इमोशंस और ऐक्शन जोड़े ताकि फिल्म और भी बेहतर बन सके।
फैन होने के नाते आपने मोहनलाल को स्क्रीन पर कैसे देखा?
मेरे को-राइटर्स और प्रोड्यूसर ने मुझे पूरी आजादी दी। कहानी में पहले से परिवार, दोस्ती, इमोशंस सब कुछ था। मैंने इसे और सिनेमैटिक बनाने की कोशिश की। मैंने ऐक्शन, नेचर, लैंडस्लाइड जैसी चीजें जोड़ीं ताकि कहानी का स्केल बड़ा हो जाए, लेकिन किरदार की गहराई बनी रहे। मैंने कुछ फैनबॉय चीजें भी डालीं, पर ध्यान रखा कि फिल्म का मिजाज न बदले। और यह सब काम कर गया।
कुछ लोग फिल्म की तुलना ‘दृश्यम’ से कर रहे हैं- क्या कहेंगे?
जब आप मोहनलाल को एक आम आदमी, फैमिली मैन के रोल में दिखाते हैं तो ‘दृश्यम’ की याद आना स्वाभाविक है। हमारी फिल्म की शुरुआत में लगभग 40 मिनट पूरा परिवार दिखाया गया है, जैसे ‘दृश्यम’ में था। पर फर्क ये है कि ‘दृश्यम’ मिस्ट्री थ्रिलर थी, जबकि ‘थुदरुम’ एक रिवेंज ड्रामा है।
विलेन जॉर्ज के रोल के लिए प्रकाश वर्मा को कैसे चुना?
तरुण मूर्ति ने बताया, हम पहले बाहर के किसी कलाकार को लेना चाहते थे, लेकिन किरदार को मलयालम अच्छी तरह आना जरूरी था। तभी मेरे को-राइटर ने प्रकाश वर्मा की तस्वीर दिखाई। वो एक सफल ऐड डायरेक्टर हैं, तो लगा नहीं था कि वो एक्टिंग करेंगे, लेकिन जब उन्होंने स्क्रिप्ट सुनी और पता चला कि उन्हें मोहनलाल के सामने एक्ट करना है तो वो हैरान रह गए। हमने मिलकर किरदार पर काम किया और बहुत खुश हुए।
क्या आपको उम्मीद थी कि लोग मोहनलाल को ‘बेंज’ के रोल में इतना पसंद करेंगे?
मुझे पहली बार में ही लग गया था कि मोहनलाल इस किरदार में बहुत सच्चे लगेंगे। वो हर उम्र के लोगों में फेमस हैं, और उनके इमोशंस से हर कोई जुड़ सकता है। फिल्म में हंसी, आंसू, प्यार सब कुछ था, और मुझे पक्का विश्वास था कि ये हिट होगी। हमने उसमें थोड़ा मसाला और ‘मास एलिमेंट’ भी जोड़ा ताकि ये पूरी तरह से एक मोहनलाल फिल्म लगे। हमें यकीन था कि भारत ही नहीं, विदेशों में भी लोग इसे पसंद करेंगे। जब फिल्म का फाइनल वर्जन देखा, तो सबको लग ये बड़ी हिट होने वाली है।
फिल्म के हिट होने पर मोहनलाल का क्या रिएक्शन था?
उन्होंने मुझे मैसेज भेजा – “Thank you, I love you, and God bless you.” वो बहुत ही विनम्र इंसान हैं। इतने बड़े सुपरस्टार होते हुए भी हर किसी को सम्मान देते हैं। मैं बस चाहता था कि वो मुझे गले लगाएं और एक किस दें और उन्होंने वो भी दे दिया।
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