बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी की फिल्म ‘ट्रैफिक’ 6 मई, साल 2016 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने अपनी रिलीज के 9 साल पूरे कर लिए हैं। फिल्म को रोजश पिल्लई ने डायरेक्ट किया था, जिसमें मनोज बाजपेयी के अलावा जिमी शेरगिल और दिव्या दत्ता जैसे स्टार्स भी हैं। फिल्म में मनोज बाजपेयी ने एक ट्रैफिक पुलिस का किरदार निभाया है, जिसकी बेटी दिल की बीमारी से पीड़ित है। ये फिल्म 2008 की एक वास्तविक कहानी से प्रेरित है। फिल्म को याद करते हुए मनोज बाजपेयी ने राजेश पिल्लई के बारे में बात की है, जो अब दुनिया में नहीं हैं।
राजेश पिल्लई के साथ काम करना शानदार
सुभाष के झा के साथ बातचीत में मनोज बाजपेयी ने कहा, ‘राजेश पिल्लई के साथ काम करना शानदार एक्सपीरियंस था। उन्होंने वास्तव में मूल फिल्म का निर्देशन भी किया था। ये अमोल पाराशर और परमब्रत चटर्जी की पहली फिल्मों में से एक थी। हम हैदराबाद की सड़कों पर फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि क्या काम करता है और क्या नहीं। जिन लोगों ने नुस्खे को खोजने की कोशिश की वह गलत साबित हुए। मैं इसे विशुद्ध नियति कहता हूं। इसी तरह मैं एक समझदार और स्वस्थ दिमाग रखता हूं।’
राजेश पिल्लई की विशेषज्ञता याद दिलाती है ट्रैफिक
मनोज बाजपेयी ने आगे कहा, ‘जब आप समझ जाते हं कि आपके हाथ में कुछ नहीं है, आप सिर्फ अपनी प्रवृत्ति और दिल की बात पर चलते हें। फिर आपको सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए और आगे बढ़ जाना चाहिए।’ फिल्म ‘ट्रैफिक’ को गर्व बताते हुए मनोज बाजपेयी ने कहा, ‘इसके निर्माण की यादें, और निर्देशक का निधन। ट्रैफिक राजेश पिल्लई की विशेषज्ञता की याद दिलाता है। मुझे ताज्जुब होता है कि अगर वह लंबे वक्त तक जिंदा रहते और 40 की उम्र में दुनिया छोड़कर नहीं जाते तो क्या करते। उनके साथ काम करना शानदार था।’
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हर फिल्म को लेकर संवेदनशील थे राजेश पिल्लई
एक्टर ने आगे कहा, ‘राजेश पिल्लई अपनी हर फिल्म को लेकर काफी ज्यादा संवेदनशील रहे हैं। मैं अपनी सभी फिल्मों का जश्न मनाता हूं, चाहे वह सफल हो या असफल। बॉक्स ऑफिस के नतीजे मेरे हाथ में नहीं हैं। आपको अपना सौ प्रतिशत देना होता है और आगे बढ़ जाना होता है लेकिन ट्रैफिक जैसी फिल्मों का हिस्सा होने का गर्व और खुशी कभी कम नहीं होती है। इस फिल्म को करते हुए मैंने जो दोस्त बनाए हैं, वह आज भी मेरे साथ हैं। हम जब भी आपस में मिलते हैं तो इस कम आंकी गई फिल्म की शूटिंग की खुशियों को याद करते हैं।’