साउथ फिल्मों के सुपरस्टार कमल हासन की फिल्म ‘मुंबई एक्सप्रेस’ की रिलीज को 20 साल पूरे हो चुके हैं। अगर आपको सुपरस्टार की सदाबहार कॉमेडी पसंद है, तो ये फिल्म देखने लायक है जिसकी कहानी बहुत ही चतुराई से लिखी गई है। इस फिल्म में कमल हासन ने अविनाश का किरदार प्ले किया है, जो कम सुनने वाला, थोड़ा मूर्ख लेकिन संवेदनशील व्यक्ति है। अविनाश अपहरण की योजना के बीच में अपना मन बदल लेता है। इसके बाद अपहृत लड़के (हार्दिक) के साथ भाग जाता है और गलती से एक चक्करदार कॉमेडी में फंस जाता है। फिल्म में गुदगुदाने वाले कई सीन हैं।
हंसी-मजाक वाली फिल्म है मुंबई एक्सप्रेस
कमल हासन की फिल्म ‘मुंबई एक्सप्रेस’ वैसे तो हंसी-मजाक वाली फिल्म है लेकिन काश ऐसा होता कि सौरभ शुक्ला के संवाद थोड़े और तीखे और उत्तेजक होते। फिल्म की कहानी करीब 30 मिनट तक हम कमल हासन और उनके साथी अपराधियों (विजय राज, कन्नड़ स्टार रमेश अरविंद) को गर्मी के मौसम में इधर-उधर भागते हुए दिखाती है, जो ऐसा शब्दाडंबरपूर्ण और क्लॉस्ट्रोफोबिक सीन बनाता है जो दर्शकों को फिल्म के दंगाई रोड ब्लॉक में दृश्य मुक्ति के रास्ते की प्यास छोड़ देता है। फिल्म में ओम पुरी भी हैं, जिन्होंने दुल्हन के परेशान पिता का किरदार निभाया है। वहीं एक्ट्रेस मनीषा कोइराला अहिल्या का किरदार प्ले किया है।
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कमल हासन ने की थी फिल्म पर बात
जब ‘मुंबई एक्सप्रेस’ सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, उस दिन शाम में कमल हासन ने फिल्म को लेकर बात की थी। उन्होंने कहा था, ‘मेरी जिंदगी में सब कुछ व्यवस्थित और शांत लगता है। मेरी नई फिल्म मुंबई एक्सप्रेस में भी यही भावना दिखती है। इसमें विरुमांडी की तनावपूर्ण भावना या दो साल पहले की मेरी कॉमेडी की जबरदस्ती वाली मुस्कान नहीं है। इस बार मुस्कान और हंसी असली है। हालांकि अभिनेता कहीं न कहीं छिपाने में माहिर होते हैं, लेकिन कलाकार का व्यक्तिगत दर्द उसके काम में और फिर दर्शकों तक खुद ही पहुंच जाता है। मुझे अपना खुद का पीआर खेलना पसंद नहीं लेकिन मूल रूप से मुंबई एक्सप्रेस लेखन की जीत है।’
शूटिंग से जुड़ा किस्सा किया शेयर
कमल हासन ने फिल्म की शूटिंग को लेकर बात करते हुए आगे कहा था, ‘मुझे लगता है कि हम सब विनम्र होने के लिए कहानी के लिए खुद की पीठ थपथपा सकते हैं। ये टीम भावना का हिस्सा था जो रचनात्मकता के लिए अनुकूल है।’ एक्टर ने बताया था कि धूल मिट्टी में फिल्म की शूटिंग करना कठिन था। हालांकि हमने फिल्म को बहुत कम समय में आसानी से पूरा कर लिया। उन्होंने जोर देकर कहा था कि ‘कुछ रील के बाद आप कमल हासन को नहीं, सिर्फ किरदार को देखते हैं। असल में ये एक सामूहिक कृति है जिसमें मेरे सभी को-एक्टर्स ने अच्छे संवाद में किरदार को निभाया है।’
कॉमेडी को माना जाता है असम्मानजनक
सुपरस्टार ने आगे कहा था कि ‘मुंबई एक्सप्रेस में हंसी के लिए हम क्यू कार्ड नहीं दे रहे लेकिन फिर भी ट्रायल ऑडियंस ने मेरी 1990 की कॉमेडी माइकल मदन कामराजन से तुलना की है जिसे न केवल मेरे करियर में बल्कि हमारे सिनेमा में कॉमेडी के लिए एक बेंचमार्क माना जाता है। हमारी इंडस्ट्री में कॉमेडी को थोड़ा असम्मानजनक माना जाता है। सिंगेथम श्रीनिवास राव के साथ मेरी दूसरी कॉमेडी पुष्पक की तरह, मुंबई एक्सप्रेस भी एक ट्रेंडसेटर है। या ऐसा मेरे साथी मुझे बताते हैं।’