Net Neutrality In India: ऐप-लेयर सेवाओं को विनियमित करने पर ट्राई के हालिया सुझाव ने नेट न्यूट्रैलिटी पर बहस को फिर से शुरू कर दिया है। निजी दूरसंचार कंपनियां और अन्य इंटरनेट प्रदाता का कहना है कि नेट न्यूट्रैलिटी के मूल सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए इन ऐप्स (OTT) को अपने बुनियादी ढांचे तक पहुंचने के लिए “फेयर शेयर” का भुगतान करना चाहिए।
राजीव चंद्रशेखर “फेयर शेयर” की मांग का किया विरोध
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर ने ओटीटी (OTT) पर ‘फेयर शेयर’ वसूलने की टेल्को की मांग का विरोध किया है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “भारत में नेट न्यूट्रैलिटी एक कठिन लड़ाई थी जो यूपीए सरकार के दौरान शुरू हुई और 2015/2016 में चरम पर थी। मैंने एक प्रयास का नेतृत्व किया, जहां 5 लाख से अधिक भारतीयों ने इंटरनेट को केबलाइज करने और डबल डिप/चार्ज करने के कुछ टेलीकॉम कंपनियों के प्रयासों का विरोध करते हुए @TRAI को लिखा।
Net Neutrality in India was a hard fought battle for those who remember – which started during UPA govt and peaked in 2015/2016. I led an effort where over 5 lac Indians wrote to @TRAI opposing efforts of some Telcos to cabelize the Internet & double dip/charge.
PM @narendramodi… https://t.co/371kxs8acJ
---विज्ञापन---— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳(Modiyude Kutumbam) (@Rajeev_GoI) September 29, 2023
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दृष्टिकोण ने भारत को दुनिया के पहले देशों में से एक बना दिया, जिसने #नेटन्यूट्रलिटी सुनिश्चित की और इंटरनेट के द्वारपाल बनने की चाहत रखने वाली टेलीकॉम कंपनियों को पीछे धकेल दिया। प्रधानमंत्री का वह निर्णय इस वाइब्रेंट ग्लोबल स्टैंडर्ड स्टार्टअप इकोसिस्टम (Global Standard Startup Ecosystem) के साथ वर्ल्ड-लीडिंग इनोवेशन अर्थव्यवस्था बनने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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स्ट्रीमिंग, नेटवर्किंग, शॉपिंग और गेमिंग जैसे क्षेत्रों तक फैली ओटीटी सेवाएं भारत की डिजिटल उद्यमिता की जीवनधारा हैं। उन्होंने यूजर्स को कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री भी प्रदान की है। इसके परिणामस्वरूप भारत में डेटा खपत और आर्थिक गतिविधियों में तेजी से वृद्धि हुई है। ऐसे में ओटीटी और टीएसपी के बीच रेवेन्यू शेयरिंग मैकेनिज्म को अनिवार्य करने से ओटीटी आधारित व्यवसायों को बड़ा झटका लग सकता है।