Chhaava Movie Row: नागपुर के एक पोर्टल संपादक प्रशांत कोरटकर को राज्य भर से मिल रही धमकियों के बाद पुलिस सुरक्षा दी गई है। ये धमकियां उस समय शुरू हुईं जब फिल्म छावा के एक सीन को लेकर हुए विवाद के बाद पत्रकार के अपमानजनक कॉल का एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गया। इस ऑडियो कॉल में वो इतिहासकार इंद्रजीत सावंत से बातचीत करते हुए सुनाई दे रहे थे और उनकी भाषा बिल्कुल भी ठीक नहीं थी। इसी के बाद उन्हें धमकियां मिलने लगीं और अब पुलिस की ओर से उन्हें सुरक्षा दी गई है।
पत्रकार ने दर्ज कराई शिकायत
कोरटकर ने इस मामले में स्थानीय पुलिस स्टेशन में एक आवेदन दिया और साथ ही साइबर सेल से भी शिकायत करने की योजना बनाई है। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘मुझे शक है कि किसी हैकर ने एआई टूल का उपयोग करते हुए मेरी आवाज को बदलकर सावंत को निशाना बनाया।’
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि ये विवाद उस समय शुरू हुआ जब सावंत ने फिल्म ‘छावा’ में ऐतिहासिक सीन को लेकर अपनी राय दी थी। इसके बाद कुछ समुदायों के बीच विरोध शुरू हो गया। दावा किया गया कि कोरटकर ने फोन पर सावंत को घेर लिया था और दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी। इसके बाद सावंत ने इस कथित कॉल को वायरल कर दिया। कोल्हापुर में कोरटकर के खिलाफ एक अपराध भी दर्ज किया गया है।
कोटरकर बोले- उनकी आवाज नहीं थी
कोरटकर ने इस मामले को साफ करते हुए कहा कि ‘मुझे इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। मैंने कभी भी सावंत से मुलाकात नहीं की और न ही उनसे कोई दुश्मनी है। ये बहुत दुखद है कि मुझे बेवजह इस विवाद में घसीट लिया गया है। मुझे धमकी भरे कॉल आ रहे हैं और मेरे प्रियजन मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। मैं अपनी परिवार के साथ रहता हूं और उनकी सुरक्षा को लेकर भयभीत हूं।”
बेलतरोडी पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर मुकुंद कावड़े ने पुष्टि की कि कोरटकर ने अपनी आवाज के साथ छेड़छाड़ और उसे वायरल करने को लेकर पुलिस से संपर्क किया था। कावड़े ने बताया कि हमने कोरटकर के घर के बाहर 24 घंटे पुलिस बल तैनात किया है।
यह भी पढ़ें: Netflix पर गजब के एक्शन के साथ मौजूद हैं ये 5 साउथ फिल्में, सस्पेंस-थ्रिल से चबाने लगेंगे नाखून!