Jewel Thief Review: (Ashwani Kumar) नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई नई फिल्म ‘ज्वेल थीफ’ इस वक्त चर्चा में है, लेकिन गलत कारणों से। फिल्म की स्टोरी, स्क्रीनप्ले और प्रेजेंटेशन को लेकर दर्शकों के बीच मिली-जुली नहीं, बल्कि सीधे तौर पर निराशा देखने को मिल रही है। फिल्म के प्रोड्यूसर सिद्धार्थ आनंद ने भले ही पहले ‘वॉर’, ‘पठान’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों से कमाल दिखाया हो, लेकिन बतौर निर्माता उनकी दूसरी फिल्म ‘ज्वेल थीफ’ इस लिस्ट में कहीं फिट नहीं बैठती।
चोरी, रोमांस और कन्फ्यूजन का कॉकटेल
फिल्म की कहानी एक ऐसे चोर के इर्द-गिर्द घूमती है जो दिखने में जितना स्टाइलिश है, असल में उतना ही उलझा हुआ किरदार है। उसे दुनिया के सबसे महंगे हीरे ‘रेड सन’ को चुराने का टास्क दिया जाता है। वजह? उसका पिता एक बड़े क्रिमिनल के चंगुल में फंसा है। अब चोर को अपने पिता को बचाने के लिए हीरा चुराना पड़ता है, लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब उसे उसी क्रिमिनल की बीवी से प्यार हो जाता है। अब चोर का मिशन हो जाता है क्रिमिनल को रास्ते से हटाना और हीरा और प्रेमिका को लेकर फरार होना।
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मनी हीस्ट की टक्कर की फिल्म?
जैसे ही फिल्म शुरू होती है, आपको साफ लगने लगेगा कि इसमें मनी हीस्ट जैसा ग्लैमर और थ्रिल डालने की कोशिश की गई है। लोकेशन्स चाहे अलीबाग, मुंबई का म्यूजियम हो या लंदन और इस्तांबुल की गलियां – हर जगह फिल्म चमकती तो है लेकिन दम नहीं भरती। चोरी के सीन्स काफी फैंसी हैं लेकिन उनमें वो रियल फीलिंग नहीं है जो दर्शकों को स्क्रीन से जोड़े रखे।
अदाकारी में नहीं दिखा वो कमाल
सैफ अली खान ने अपने किरदार ‘रेहान’ को स्टाइलिश बनाने की पूरी कोशिश की है, लेकिन उनके किरदार की गहराई ही नहीं लिखी गई। वहीं जयदीप अहलावत, जो आमतौर पर स्क्रीन पर आते ही छा जाते हैं, यहां ‘राजन औलख’ के रोल में निराश करते हैं।
एक बेहतरीन कलाकार से इतना कमजोर काम करवा पाना डायरेक्शन की सबसे बड़ी चूक रही। कुणाल कोहली पुलिस ऑफिसर के रोल में ठीक-ठाक रहे, लेकिन उनके कैरेक्टर की लॉजिक पर भी सवाल खड़े होते हैं। निकिता दत्ता को सिर्फ ग्लैमर का हिस्सा बना दिया गया, जिसमें उन्होंने दिल से योगदान दिया- लेकिन किरदार में कुछ खास करने को था ही नहीं।
फिल्म का संगीत और निर्देशन
फिल्म का म्यूजिक कुल मिलाकर ठंडा ही रहा, लेकिन लास्ट क्रेडिट में आया गाना ‘जादू सा मेरा हुनर’ थोड़ा बहुत ध्यान खींचने में सफल रहा, वो भी इसलिए क्योंकि उस पर जयदीप अहलावत का डांस वायरल हो गया था। लेकिन अफसोस की बात ये है कि उस गाने का फिल्म से कोई संबंध नहीं था।
‘ज्वेल थीफ’ उन फिल्मों की लिस्ट में शामिल हो गई है जो देखने से पहले तो काफी उम्मीदें बंधाती हैं लेकिन देखने के बाद खालीपन छोड़ जाती हैं। नेटफ्लिक्स पर मौजूद इस फिल्म को सिर्फ इसलिए देखा जा सकता है ताकि समझा जा सके कि सिर्फ स्टाइलिश लोकेशन्स और हीरो के लुक्स से फिल्म नहीं चलती। जब कहानी में जान ना हो, तो बड़े नाम भी फिल्म को नहीं बचा पाते।