संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को सिविल सेवा परीक्षा 2024 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। इस साल की परीक्षा में प्रयागराज, उत्तर प्रदेश की रहने वाली शक्ति दुबे ने पहला स्थान हासिल किया है। दूसरे स्थान पर हर्षिता गोयल और तीसरे स्थान पर डोंगरे अर्चित पराग रहे। टॉप 5 में तीन महिलाएं शामिल हैं, जिसने महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाया है।
प्रयागराज से BHU तक का सफर
शक्ति दुबे का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा प्रयागराज में ही पूरी की। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और फिर साल 2016 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
सिविल सेवा की तैयारी: सेवा की भावना से प्रेरित
पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद शक्ति ने UPSC की तैयारी करने का फैसला किया। 2018 से उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह केवल करियर नहीं बल्कि देश सेवा का माध्यम भी है। उन्होंने राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुना।
संघर्ष और सफलता की कहानी
लगातार मेहनत और समर्पण के बाद शक्ति दुबे ने UPSC की इस कठिन परीक्षा में फर्स्ट रैंक प्राप्त की। उन्होंने यह सफलता अपने पांचवे प्रयास में हासिल की है, जिससे यह साबित होता है कि धैर्य और लगन से किसी भी मुकाम को पाया जा सकता है।
संस्कृति पर गर्व: प्रयागराज की पहचान
एक इंटरव्यू के दौरान जब शक्ति से पूछा गया कि प्रयागराज की क्या विशेष पहचान है, तो उन्होंने गर्व के साथ त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन) को इसका मुख्य प्रतीक बताया और कहा कि यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है।
परीक्षा की प्रक्रिया और आंकड़े
यूपीएससी सिविल सेवा (प्रीलिम्स) परीक्षा 16 जून 2024 को आयोजित की गई थी, जिसमें कुल 9,92,599 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 5,83,213 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। इसके बाद मेंस परीक्षा सितंबर 2024 में आयोजित की गई थी, जिसके लिए 14,627 अभ्यर्थी क्वालिफाई हुए थे।
मेंस परीक्षा के बाद कुल 2,845 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इनमें से 1,009 उम्मीदवारों को अंतिम रूप से नियुक्ति के लिए अनुशंसित किया गया, जिनमें 725 पुरुष और 284 महिलाएं शामिल हैं।
शक्ति दुबे की सफलता न केवल प्रयागराज बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है। उनकी कहानी यह साबित करती है कि निरंतर प्रयास, समर्पण और मजबूत इच्छाशक्ति से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। UPSC 2024 के परिणामों में महिलाओं की मजबूत भागीदारी आने वाले समय में और अधिक सकारात्मक बदलावों की ओर संकेत देती है।