UPSC परीक्षा की तैयारी करना एक लंबी और कठिन यात्रा होती है। इसमें निरंतर मोटिवेशन और समर्पण की जरूरत होती है। कई बार निजी जीवन की परेशानियां इस तैयारी को और भी कठिन बना देती हैं। खासकर जब युवा उम्मीदवारों के जीवन में प्रेम संबंध या ब्रेकअप जैसी बातें आ जाती हैं, तो ध्यान केंद्रित रखना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। लेकिन दिल टूटने के बावजूद अपने लक्ष्य पर टिके रहना ही असली धैर्य, संघर्ष और आत्मसमर्पण का प्रमाण है।
हिंदी मीडियम से पढ़ाई को दिया सफलता का श्रेय
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले उत्कर्ष श्रीवास्तव ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में ऑल इंडिया रैंक 498 हासिल की है। यह सफलता उन्हें आसानी से नहीं मिली – इसके पीछे कड़ी मेहनत और कई चुनौतियों से जूझने की कहानी छिपी है। उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर से राजनीति विज्ञान (Political Science) में ग्रेजुएशन किया है। उत्कर्ष ने हिंदी मीडियम से पढ़ाई की और सफलता का श्रेय एम. लक्ष्मीकांत की ‘भारतीय राजनीति’ और NCERT किताबों को दिया।
दिल टूटा, पर हिम्मत नहीं- पर्सनल लाइफ की चुनौती बनी ताकत
UPSC की तैयारी के दौरान उत्कर्ष को निजी जीवन में भी एक बड़ा झटका लगा। उनकी गर्लफ्रेंड ने उन्हें छोड़ दिया, जिससे वह भावनात्मक रूप से टूट गए। हालांकि, इस कठिन समय में वे पूरी तरह टूट सकते थे, लेकिन उन्होंने अपने दर्द को अपनी ताकत बना लिया। उन्होंने अपने दिल के दर्द को पढ़ाई की ऊर्जा में बदल दिया और UPSC की तैयारी में जी-जान लगा दी। उनकी पूर्व प्रेमिका ने जब उनसे बात करना भी बंद कर दिया, तब भी उत्कर्ष ने हार नहीं मानी और अपने सपनों को अपना सहारा बना लिया।
दोबारा देंगे यूपीएससी
आज उत्कर्ष श्रीवास्तव देश के सम्मानित अफसरों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। लेकिन उनके सफर का यह अंत नहीं है। उन्होंने कहा है कि वे आगे भी यूपीएसीस सिविल सेवा परीक्षा देते रहेंगे ताकि अपनी रैंक को और बेहतर बना सकें। उनके अंदर सीखते रहने और खुद को लगातार सुधारते रहने का जज्बा है, जो उन्हें और ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
बनें प्रेरणा की मिसाल
उत्कर्ष की कहानी यह साबित करती है कि अगर दिल मजबूत हो और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो जीवन की कोई भी चुनौती आपको रोक नहीं सकती। दिल टूटना जीवन का हिस्सा हो सकता है, लेकिन हार मान लेना विकल्प नहीं होना चाहिए। उत्कर्ष जैसे युवाओं से हर UPSC अभ्यर्थी को प्रेरणा लेनी चाहिए।