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UPSC Success Story: चाय बेचने वाले का बेटा बना IAS, लगातार तीन बार क्रैक की UPSC परीक्षा

UPSC Success Story: हिमांशु गुप्ता उत्तराखंड के एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। वह ट्यूशन और ब्लॉग लिखकर अपनी फीस भरा करते थे। इसके बाद मास्टर्स में टॉप भी किया, जिसके बाद उन्होंने UPSC को चुनकर देश सेवा का निर्णय लिया।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: May 24, 2025 10:29
IAS Himanshu Gupta

UPSC Success Story: देश भर के लाखों युवाओं का सपना होता है UPSC की कठिन परीक्षा को पास कर IAS अफसर बनना। यह सफर आसान नहीं होता, लेकिन कुछ लोग अपनी मेहनत और संघर्ष से इसे सच कर दिखाते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है उत्तराखंड के हिमांशु गुप्ता की, जिन्होंने गरीबी को हराकर IAS बनने का सपना पूरा किया।

कौन हैं हिमांशु गुप्ता?

हिमांशु गुप्ता उत्तराखंड के सितारगंज जिले के रहने वाले हैं। वे शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थे, लेकिन उनके पारिवार के आर्थिक हालात बहुत खराब थे। उनके पिता एक दिहाड़ी मजदूर थे, जिनकी आमदनी इतनी नहीं थी कि परिवार की जरूरतें पूरी हो सकें। हालात ऐसे थे कि हिमांशु को स्कूल से लौटकर अपने पिता की चाय की दुकान पर मदद करनी पड़ती थी।

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बचपन की कठिनाइयां और पढ़ाई का संघर्ष

हिमांशु ने बताया कि उनके पिता काम की तलाश में हमेशा एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते थे, जिससे वे उन्हें ज्यादा देख नहीं पाते थे। परिवार बाद में बरेली के शिवपुरी चला गया, जहां हिमांशु का ननिहाल था। यहीं के एक सरकारी स्कूल में उन्होंने अपनी पढ़ाई शुरू की। बेसिक इंग्लिश की पढ़ाई के लिए वे रोजाना 70 किलोमीटर का सफर करते थे। उन्होंने बताया कि यह समय उनके जीवन का सबसे संघर्षपूर्ण समय था।

दिल्ली यूनिवर्सिटी से हायर एजुकेशन

स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद हिमांशु को दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में एडमिशन मिला। लेकिन परिवार की स्थिति को देखते हुए उन्होंने खुद ही अपनी फीस भरने का जिम्मा उठाया। वे ट्यूशन पढ़ाते और ब्लॉग लिखते थे ताकि खर्च निकाल सकें।

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उन्होंने पर्यावरण विज्ञान (Environmental Science) में मास्टर्स की पढ़ाई की और टॉप भी किया। उन्हें विदेश में PhD करने का अवसर भी मिला, लेकिन उन्होंने अपने परिवार को प्राथमिकता देते हुए भारत में ही रहने और सिविल सेवा की तैयारी करने का निर्णय लिया। इसके लिए वे एक सरकारी कॉलेज में रिसर्च स्कॉलर बने।

तीन बार क्रैक किया UPSC

हिमांशु ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन बार दी। पहली बार में उनका चयन IRTS (इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस) के लिए हुआ। दूसरी बार 2019 में वे IPS (इंडियन पुलिस सर्विस) बने। तीसरे प्रयास में उन्होंने IAS के लिए क्वालिफाई किया और अपने सपने को साकार किया।

हिमांशु गुप्ता की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो कठिन हालातों में भी अपने सपनों को सच करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका संघर्ष और सफलता यह सिखाती है कि मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है।

First published on: May 24, 2025 09:34 AM

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