IPS Aditi Upadhyay: डॉ. अदिति उपाध्याय (Dr. Aditi Upadhyay) आज राजस्थान पुलिस की नई ‘लेडी सिंघम’ के रूप में जानी जाती हैं। उनकी कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखता है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जन्मी और पली-बढ़ी अदिति ने सबसे पहले अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए डेंटिस्ट्री की पढ़ाई की। BDS की डिग्री लेने के बाद वह फुल-टाइम डॉक्टर के रूप में मरीजों का इलाज करने लगीं। लेकिन उनके दिल में देश सेवा का सपना हमेशा जिंदा रहा।
मेडिकल करियर और UPSC की तैयारी का संतुलन
अदिति ने दिन में मरीजों का इलाज किया और रात को यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। खास बात यह रही कि उन्होंने किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट का सहारा नहीं लिया। अदिति ने सिर्फ इंटरनेट पर उपलब्ध मुफ्त ऑनलाइन लेक्चर, स्टडी नोट्स और मॉक टेस्ट की मदद से खुद को तैयार किया। हर शाम वह अपने क्लीनिक से लौटने के बाद इतिहास की तारीखें याद करतीं, निबंध लेखन का अभ्यास करतीं और करंट अफेयर्स की घटनाओं पर ध्यान देतीं।
पहले प्रयास में हासिल की शानदार सफलता
कड़ी मेहनत और पूरी निष्ठा के साथ पढ़ाई करने का परिणाम यह रहा कि अदिति ने अपने पहले ही प्रयास में UPSC प्रीलिम्स और मेंस दोनों पास कर लिए। उन्होंने देशभर में 127वीं रैंक हासिल की। इंटरव्यू के समय अदिति ने खुद को शांत और आत्मविश्वासी बनाए रखने के लिए एक खास आदत अपनाई थी। इंटरव्यू पैनल से मिलने से पहले वह चुपचाप ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करती थीं। इससे उन्हें मानसिक मजबूती और फोकस बनाए रखने में मदद मिलती थी।
एक साहसिक निर्णय: मेडिकल करियर को अलविदा
अदिति जानती थीं कि इंटरव्यू में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें पूरी तरह से फोकस की जरूरत है। इसलिए इंटरव्यू से ठीक पहले उन्होंने साहसिक निर्णय लेते हुए अपने मेडिकल पद से इस्तीफा दे दिया। इस फैसले से वह सभी बाहरी तनावों से मुक्त हो गईं और पूरे आत्मविश्वास के साथ इंटरव्यू में हिस्सा लिया।
अब ‘लेडी सिंघम’ के रूप में देश की सेवा
आज डॉ. अदिति उपाध्याय राजस्थान कैडर में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। लोगों ने उन्हें ‘लेडी सिंघम’ का नाम दिया है। उनकी कहानी यह दिखाती है कि चाहे आप किसी भी फील्ड में हों, डॉक्टर, इंजीनियर या कोई और, अपने असली पैशन को पहचानकर जीवन में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
युवाओं के लिए एक सीधा और सशक्त संदेश
अदिति की कहानी भारत के युवाओं के लिए एक साफ संदेश देती है। अपने सच्चे जुनून का पीछा करें, ईमानदारी से मेहनत करें और खुद पर विश्वास रखें। जब इरादे मजबूत हों और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो सबसे मुश्किल सपने भी हकीकत बन सकते हैं।