भारत में बहुत से लोगों व उम्मीदवरों को ऐसा लगता है कि अगर वे यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर लें, तो वे सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) बन जाएंगे। हालांकि, यह केवल आधा सच है। दरअसल, भारत में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) बनने के लिए आपको एक स्पेसिफिक प्रोसेस को फॉलो करना होगा, जिसमें कई पड़ाव हैं। अगर आप इन सभी पड़ाव को पार कर लेते हैं, तो आपको एसडीएम का पद मिल जाएगा। इस स्पेसिफिक प्रोसेस के स्टेप्स नीचे दिए गए हैं, जिन्हें आप पढ़ सकते हैं।
1. शैक्षिक योग्यता: किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करें। एसडीएम बनने के लिए किसी स्पेशल फील्ड की पढ़ाई करने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन Law या Public Administration में डिग्री फायदेमंद हो सकती है।
2. सिविल सेवा परीक्षा पास करें: SDM का पद आमतौर पर भारत में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से भरा जाता है। यह परीक्षा हर साल आयोजित की जाती है और इसमें तीन चरण होते हैं: प्रीलिम्स परीक्षा, मेंस परीक्षा और पर्सनालिटी टेस्ट (इंटरव्यू)।
3. प्रीलिम्स परीक्षा: यह सिविल सेवा परीक्षा का पहला चरण है। इसमें दो ऑब्जेक्टिव प्रकार के पेपर शामिल हैं: जनरल स्टडीज (पेपर I) और सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (पेपर II)। इस परीक्षा को पास करने पर ही आप मेंस परीक्षा के लिए आगे बढ़ सकते हैं।
4. मेंस परीक्षा: मेंस परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा का दूसरा चरण है और इसमें 9 पेपर होते हैं, जिसमें 1 निबंध पेपर और 2 ऑप्शनल सब्जेक्ट के पेपर शामिल होते हैं। इसके अतिरिक्त, जनरल स्टडीज के 4 पेपर और आपकी पसंद की भाषा पर 2 पेपर होते हैं।
5. पर्सनालिटी टेस्ट (इंटरव्यू): जो लोग मेंस परीक्षा पास करते हैं, उन्हें पर्सनालिटी टेस्ट के लिए बुलाया जाता है, जिसे इंटरव्यू के रूप में भी जाना जाता है। यह चरण SDM की भूमिका सहित प्रशासनिक पदों के लिए उम्मीदवार की उपयुक्तता का मूल्यांकन करता है। यह पर्सनेलिटी, कम्युनिकेशन स्किल, जनरल अवेयरनेस और निर्णय लेने की क्षमता जैसे विभिन्न पहलुओं का आकलन करता है।
6. सेवाओं का आवंटन: सिविल सेवा परीक्षा में आपके प्रदर्शन और आपके द्वारा प्रदान की गई प्राथमिकताओं के आधार पर यूपीएससी एक सर्विस अलॉट करता है। SDM का पद भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अंतर्गत आता है, जो देश की प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक है।
7. ट्रेनिंग: आवंटन के बाद, उम्मीदवारों को मसूरी, उत्तराखंड में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी और सरकार द्वारा नामित अन्य एकेडमी में भी ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग आपको प्रशासनिक जिम्मेदारियों के लिए तैयार करती है और जरूरी स्किल्स और ज्ञान से सुसज्जित करती है।
8. एसडीएम के रूप में नियुक्ति: ट्रेनिंग पूरी करने के बाद, आपको एक स्पेशल सब-डिविजन में असिस्टेंट कलेक्टर या SDM के रूप में नियुक्त किया जाएगा। एसडीएम सब-डिविजन लेवल पर विभिन्न प्रशासनिक और कार्यकारी कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है, जिसमें राजस्व प्रशासन, कानून और व्यवस्था, विकास कार्यक्रम और बहुत कुछ शामिल हैं।