---विज्ञापन---

छोटे बच्चों को स्कूल भेजने से पहले जरूर पढ़ लें ये गुजरात कोर्ट का अहम फरमान, नहीं तो जाना पढ़ सकता जेल

नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट ने प्री-स्कूल जानें वाले छोटे बच्चों के अभिभावको के लिए अहम टिप्पणी की हैं। कहा कि, जो माता-पिता तीन साल से कम उम्र के बच्चों को प्री-स्कूल में जाने के लिए मजबूर करते हैं, वे “अवैध कार्य” कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने […]

Edited By : Niharika Gupta | Updated: Sep 7, 2023 18:20
Share :
gujarat, Ahmedabad, gujarat high court, Gujarat High Court, 3 years students school admission, illegal to send 3 year old to school,gujarat preschool,Gujarat high court ruling on preschool,Gujarat HC,3-year-olds to preschool
gujarat, Ahmedabad, gujarat high court, Gujarat High Court, 3 years students school admission, illegal to send 3 year old to school,gujarat preschool,Gujarat high court ruling on preschool,Gujarat HC,3-year-olds to preschool

नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट ने प्री-स्कूल जानें वाले छोटे बच्चों के अभिभावको के लिए अहम टिप्पणी की हैं। कहा कि, जो माता-पिता तीन साल से कम उम्र के बच्चों को प्री-स्कूल में जाने के लिए मजबूर करते हैं, वे “अवैध कार्य” कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने माता-पिता द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए बच्चों को किंडरगार्टन में जल्दी भेजने की जिद के खिलाफ यह टिप्पणी की थी।

माता-पिता ने दायर की थी याचिका

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, माता-पिता अपने बच्चों के 1 जून, 2023 तक 6 साल का नहीं होने के बावजूद उन्हें कक्षा 1 में दाखिले की मांग कर रह थे, जबकि संशोधित शिक्षा के अधिकार अधिनियम और नई शिक्षा नीति के लिए जारी दिशानिर्देश के तहत बच्चों के स्कूल में दाखिले की न्यूनतम उम्र 6 वर्ष होती है।

---विज्ञापन---

तीन साल से कम उम्र में दाखिला करवाना अवैध

याचिकाकर्ता माता-पिता ने तर्क दिया था कि उनके बच्चों को तीन साल की उम्र से पहले ही प्रीस्कूल भेजा गया था। अब वे वहां तीन साल बिता चुके हैं इसलिए उन्हें ‘न्यूनतम आयु नियम’ में कुछ छूट दी जानी चाहिए। इसके तहत 6 साल की उम्र से पहले ही उन्हें पहली कक्षा में प्रवेश दिया जाना चाहिए। हालांकि, पीठ ने उनके तर्क को खारिज करते हुए कहा कि, “बच्चों को तीन साल का होने से पहले प्री-स्कूल जाने के लिए मजबूर करना याचिकाकर्ता माता-पिता की ओर से एक अवैध कार्य है।

अदालत ने कहा कि यह तर्क कि बच्चे स्कूल के लिए तैयार हैं क्योंकि उन्होंने प्रीस्कूल में तीन साल की प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर ली है, यह हमें बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करता है ” अदालत ने विस्तार से बताया कि कानून तीन साल पूरे होने से पहले किसी बच्चे के प्रीस्कूल में प्रवेश पर रोक लगाता है।

---विज्ञापन---

अदालत ने कहा कि आरटीई के तहत न्यूनतम आयु की आवश्यकता गुजरात में लागू की गई है। आरटीई अधिनियम के नियम 8 को चुनौती देने वाली एक याचिका 2013 में खारिज कर दी गई थी।

हाईकोर्ट ने कहा, ‘याचिकाकर्ता (बच्चों के माता-पिता), जिन्होंने अपने बच्चों के वर्ष 2023 के 1 जून तक 6 वर्ष का होने का ध्यान नहीं रखा, किसी भी तरह की रियायत या छूट की मांग नहीं कर सकते, क्योंकि वे आरटीई नियम, 2012 के जनादेश के उल्लंघन के दोषी हैं, जो आरटीई अधिनियम, 2009 के अनुरूप है।’

HISTORY

Edited By

Niharika Gupta

First published on: Sep 07, 2023 06:20 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें