नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (सेशन 2) परीक्षा 2025 का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस परीक्षा में 24 छात्रों ने 100 परसेंटाइल मार्क्स हासिल करे हैं। इन्हीं में से एक हैं देवदत्ता माझी, जिन्होंने इस परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल एक मिसाल कायम की है.
दरअसल, साल 2023 में जब देवदत्ता माझी ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक परीक्षा में 700 में से 697 अंक लाकर टॉप किया था, तभी यह साफ हो गया था कि यह बच्ची कुछ बड़ा करने वाली है। वहीं, आज दो साल बाद उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर इतिहास रच दिया है। देवदत्ता ने JEE (Main) 2025 Session 2 Paper 1 (BE/BTech) में 100 परसेंटाइल स्कोर के साथ ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की है।
सेशन 1 में लाई 99.99 परसेंटाइल
पश्चिम बंगाल के कटवा, पूर्व बर्दवान जिले की रहने वाली देवदत्ता, कटवा दुर्गादासी चौधुरानी बालिका उच्च विद्यालय की छात्रा हैं। उनकी पढ़ाई का ग्राफ शुरू से ही शानदार रहा है। JEE Main 2025 के सेशन 1 में भी उन्होंने 99.99921 परसेंटाइल और ऑल इंडिया रैंक 275 हासिल कर स्टेट टॉपर बनी थीं। अब दूसरे सेशन में उन्होंने देश में टॉप कर बंगाल का नाम रोशन किया है।
मेहनत और अनुशासन से बनी मिसाल
देवदत्ता को यह सफलता एक दिन में नहीं मिली। इसमें वर्षों की मेहनत, अनुशासन और लगन शामिल है। उनके अनुसार, “उन्होंने माध्यमिक परीक्षा खत्म होते ही JEE की तैयारी शुरू कर दी थी।” उनकी मां बताती हैं कि शुरुआत में देवदत्ता को यह समझ नहीं आ रहा था कि कहां से शुरू करें, तब उन्होंने खुद घर पर पढ़ाई में मदद की। बाद में देवदत्ता ने कोचिंग क्लासेस और ऑनलाइन कोर्सेस भी जॉइन किए।
घर पर रहकर उन्होंने रोजाना करीब 10 से 12 घंटे तक पढ़ाई की। अंतत: उनकी मेहनत रंग लाई और वह देशभर के सिर्फ 24 छात्रों में शामिल हुईं, जिन्होंने 100 परसेंटाइल स्कोर किया है। पश्चिम बंगाल से ऐसा करने वाली वह सिर्फ दो छात्रों में से एक हैं, दूसरे छात्र हैं अर्चिस्मान नंदी।
किताबों से आगे की सोच
देवदत्ता सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में संतुलन बनाए रखती हैं। उन्हें जानवरों से बहुत लगाव है और वह अपने मोहल्ले के आवारा जानवरों की देखभाल भी करती हैं। प्रकृति से प्यार और शांति की तलाश उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाते हैं। पढ़ाई के बीच वह अपनी मां के साथ दिल की बातें करना कभी नहीं भूलतीं। उनकी मां ही उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं।
अगला लक्ष्य: IISc और रिसर्च
अब जब JEE Advanced 2025 और WBJEE जैसे महत्वपूर्ण एग्जाम आने वाले हैं, देवदत्ता पूरी तरह से अगले पड़ाव पर फोकस्ड हैं। उनका सपना है कि वे IISc बेंगलुरु से हायर एजुकेशन प्राप्त करें और आगे चलकर Scientific Research की फील्ड में काम करें।
उनकी मां कहती हैं, “हमें उस पर गर्व है, लेकिन अभी हमारा ध्यान अगली परीक्षा की तैयारी पर है।”
देवदत्ता माझी की कहानी यह साबित करती है कि अगर मेहनत, परिवार का साथ और मन में जुनून हो, तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है। वह आज सिर्फ एक छात्रा नहीं, बल्कि हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।