नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा कोर्सेज और सिलेबस को संशोधित किया जाएगा, क्योंकि परिषद ने अपने पाठ्यक्रम में लेंगिक समानता को शामिल करने का निर्णय लिया है। संसदीय समिति की सिफारिशों के अनुसार, एनसीईआरटी (NCERT) अब नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) और अपनी पाठ्यपुस्तकों में सभी लिंगों के संतुलित परिप्रेक्ष्य को लाने की दिशा में काम करेगी।
यहां देखें क्या होंगे बदलाव
आपको बता दें स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में महिलाओं और लड़कियों के कम प्रतिनिधित्व को दूर करने के लिए समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया है। इसका मतलब यह है कि एनसीईआरटी की किताबों के उन अंशों को संशोधित किया जाएगा जिनमें महिलाओं को केवल पारंपरिक भूमिकाओं में चित्रित किया गया है। समीति ने यह भी कहा था कि सामग्री चित्रण और दृश्य चित्रण को लैंगिक समावेशी बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए।
वहीं केंद्र सरकार द्वारा समीति की सिफारिशों और टिप्पणियों पर की गई कार्रवाई पर स्कूल टेक्स्ट बुक्स कमेटी की सामग्री और डिजाइन में सुधार की रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश की गई।
संसदीय समिति ने यह भी कहा है कि, “एनसीईआरटी ने शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल पर संसदीय स्थायी समिति द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर ध्यान दिया है और एनसीएफ में सभी लिंगों के संतुलित परिप्रेक्ष्य में लाने के लिए पर्याप्त योगदान देगी। पाठ्यक्रम और सभी पाठ्यपुस्तकें जो एनसीएफ के अनुवर्ती के रूप में विकसित की जाएंगी। एनसीएफ के विकास की प्रक्रिया पहले ही एनसीईआरटी द्वारा शुरू की जा चुकी है।”
इससे पहले, पैनल ने यह भी सिफारिश की थी कि पाठ्यपुस्तकों में नए और उभरते व्यवसायों में महिलाओं के रोल मॉडल के रूप में उनके योगदान और उसे प्राप्त करने के मार्ग पर ध्यान देने के साथ अधिक चित्रण होना चाहिए और इससे सभी के बीच आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास पैदा करने में खासकर लड़कियों में मदद मिलेगी।
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