पूरे साल टैरिफ खबरों में रही. अमेरिका ने अभी हाल ही में टैरिफ बढ़ोतरी की है. इसके बावजूद भारत का कुल एक्सपोर्ट, मर्चेंडाइज और सर्विसेज मिलाकर साल 2024-25 में बढ़कर $825.25 बिलियन पर पहुंच गया है. ये ऑल-टाइम हाई है. यानी अमेरिका के हालिया टैरिफ बढ़ोतरी के बावजूद 6.05% की ग्रोथ दर्ज की गई. एक्सपोर्ट में यह बढ़ोतरी FY26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) तक जारी रही, जिसमें आउटबाउंड शिपमेंट साल-दर-साल 5.86% बढ़कर $418.91 बिलियन हो गया है.
सर्विस सेक्टर ने ग्रोथ को रफ्तार दी
सर्विसेज ने भारत के एक्सपोर्ट की रफ्तार को आगे बढ़ाया. इस सेक्टर ने साल 2024-25 में $387.54 बिलियन का कारोबार किया, जो 13.63% बढ़ा और अकेले FY26 की पहली छमाही में $199.03 बिलियन का योगदान दिया. मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 2024-25 में $437.70 बिलियन और अप्रैल-सितंबर FY26 में $219.88 बिलियन पर मोटे तौर पर स्थिर रहा.
कॉमर्स मिनिस्ट्री के अनुसार, सबसे ज्यादा ग्रोथ इलेक्ट्रॉनिक सामान (41.94%), इंजीनियरिंग सामान (5.35%), ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स (6.46%), मरीन प्रोडक्ट्स (17.40%) और चावल (10.02%) से हुई.
टैरिफ के बावजूद अमेरिका बना सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट
अप्रैल-सितंबर 2025 में US भारत का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट बना रहा, जिसकी कुल शिपमेंट में 13.34% हिस्सेदारी थी, इसके बाद यूनाइटेड अरब अमीरात (9.34%), चीन (21.85%), स्पेन (40.30%) और हांगकांग (23.53%) का नंबर आता है.
यह रिकॉर्ड परफॉर्मेंस तब आया है जब प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के अंडर US ने अगस्त में ट्रेड में रुकावटों और रूस से भारत के कच्चे तेल की खरीद का हवाला देते हुए भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगा दिया था. ट्रंप ने अमेरिकी किसानों के लिए हाल ही में घोषित $412 बिलियन के सपोर्ट पैकेज के हिस्से के तौर पर भारतीय चावल समेत खेती के इंपोर्ट पर और टैरिफ बढ़ाने का भी संकेत दिया है.










